प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना: पहचान पत्र नहीं रखने वाले रेहड़ी-पटरी वालों को भी मिलेगा कर्ज

Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Aug, 2020 11:59 AM

street vendors who do not have identity cards will also get loans

अब वे रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वाले भी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ ले सकेंगे जिनके पास पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र नहीं है। केंद्र सरकार ने इसके लिये अनुशंसा पत्र (एलओआर) व्यवस्था की शुरूआत की है।

नई दिल्ली: अब वे रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वाले भी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ ले सकेंगे जिनके पास पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र नहीं है। केंद्र सरकार ने इसके लिये अनुशंसा पत्र (एलओआर) व्यवस्था की शुरूआत की है। इस योजना के तहत ठेले, खोमचे वाले 10,000 रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं।

10,000 रुपये तक मिलेगा कर्ज
आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस सुविधा की शुरूआत की और कहा कि पात्र रेहड़ी-पटरी वाले स्थानीय शहरी निकाय अनुशंसा पत्र के लिए अनुरोध कर सकता है। सड़क किनारे ठेले पर दुकान लगाने वालों के लिये प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की गयी है। इसके तहत ठेले, खोमचे वाले 10,000 रुपये तक कार्यशील पूंजी कर्ज ले सकते हैं। इस कर्ज को एक साल में मासिक किस्त में लौटाना होगा। मिश्रा ने कहा कि योजना के तहत एलओआर प्राप्त करने के बाद ठेले वाले दुकानदार कर्ज के लिये आवेदन दे सकते हैं।

मंत्रालय के अनुसार अनुशंसा पत्र यह मॉड्यूल उन ठेले दुकान चलाने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को सुविधा देने के लिए तैयार किया गया है जिनके पास पहचान पत्र (आईडी) और विक्रय प्रमाणपत्र (सीओवी) नहीं है तथा उनका नाम इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए सर्वेक्षण सूची में भी शामिल नहीं हैं। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने एक जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी। इसका उद्येश्य कोविड-19 ‘लॉकडाउन’ के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए ठेले, खोमचे वालों को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने के लिए किफायती दर पर कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना है।

आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी
बयान के अनुसार पीएम स्वनिधि पोर्टल पर स्थानीय शहरी निकायों से एलओआर प्राप्त करने के लिये ऑनलाइन आवेदन करने के लिए एक विक्रेता के पास निम्न दस्तावेजों में से कोई एक होना चाहिए। ये दस्तावेज हैं- लॉकडाउन अवधि के दौरान कुछ राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों द्वारा दी गई एकमुश्त सहायता का प्रमाणपत्र या विक्रेता संघों का सदस्यता विवरण अथवा कोई अन्य दस्तावेज यह साबित करने के लिए कि वह एक विक्रेता है।इसके अलावा, एक विक्रेता सादे कागज पर साधारण आवेदन के माध्यम से स्थानीय शहरी निकाय से अनुरोध कर सकता है कि स्थानीय जांच द्वारा उसके दावे की वास्तविकता का पता लगाया जाये। स्थानीय निकाय को 15 दिनों की अवधि के भीतर एलओआर जारी करने के अनुरोध का निपटान करना होगा।

योजना का लक्ष्य 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाना
बयान के अनुसार जिन विक्रेताओं के पास एलओआर हैं, उन्हें 30 दिनों की अवधि के भीतर विक्रय प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग) / पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इस प्रावधान से योजना का लाभ अधिकतम लाभार्थियों को मिलेगा। इसमें कहा गया है कि 2 जुलाई 2020 को पीएम स्वनिधि पोर्टल पर ऋण आवेदन ऑनलाइन जमा करने की शुरुआत के बाद से, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 4.45 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं और 82,000 से अधिक स्वीकार किए गए हैं। इस योजना के तहत उन 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है जो 24 मार्च, 2020 से पहले शहरी क्षेत्रों में या आसपास के अर्ध-शहरी / ग्रामीण क्षेत्रों में सामान बेचने का का काम करते थे।

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