50 हजार फ्लैट बायर्स की टेंशन दूर करेगा स्ट्रेस फंड

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Nov, 2019 02:39 PM

stress fund will remove tension of 50 thousand flat buyers

उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के अध्यक्ष राजीव कुमार की मीटिंग के बाद कई बिल्डरों को आशियाने की उम्मीद पूरी होती दिख रही है। एक्सपर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की योजना के तहत मिलने वाले स्ट्रेस फंड की शर्त को जिले के 40-50...

नोएडाः उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के अध्यक्ष राजीव कुमार की मीटिंग के बाद कई बिल्डरों को आशियाने की उम्मीद पूरी होती दिख रही है। एक्सपर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की योजना के तहत मिलने वाले स्ट्रेस फंड की शर्त को जिले के 40-50 प्रॉजेक्ट पूरे कर रहे हैं। यहां निवेश करने वाले करीब 50 हजार बायर्स को इसका सीधे तौर पर फायदा मिल सकता है। हालांकि सबसे बड़े प्रॉजेक्ट आम्रपाली, जेपी और यूनिटेक ग्रुप के बायर्स इस जद में नहीं आते हैं। जिले के 55 हजार से ज्यादा बायर्स इन्हीं 3 बिल्डरों के यहां निवेश किए हैं। यूपी रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में 15 बिल्डरों के साथ मीटिंग कर फंड पाने के लिए प्रस्ताव मांगे थे।

जिले में रियल एस्टेट के अभी करीब 200 प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। इनमें से आधे से ज्यादा प्रॉजेक्ट नोएडा में हैं। इनमें से करीब 40-50 प्रॉजेक्ट स्ट्रेस फंड पाने की शर्तों को पूरा करते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, अनुमानित तौर पर हर प्रॉजेक्ट में करीब 1000 बायर फंसे हुए हैं। ऐसे में सीधे तौर पर नोएडा में ही 50 हजार से ज्यादा बायर्स को इस फंड का लाभ मिलेगा। रेरा अध्यक्ष की मीटिंग में पंचशील ग्रुप के निदेशक अनुज चौधरी भी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि मीटिंग में केवल उन्हीं प्रमोटर्स को शामिल किया गया, जिनका रेरा की ओर से ऑडिट किया गया था। ऐसे में इन 15 बिल्डरों के प्रॉजेक्ट को स्ट्रेस फंड का लाभ तो मिलेगा ही। शर्त पूरी करने वाले अन्य बिल्डर भी लाभ पाने के लिए प्रस्ताव दे सकते हैं।

बड़े वर्ग को नहीं मिलेगी राहत
200 से अधिक रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट में करीब डेढ़ लाख बायर्स ने निवेश किया है। यूपी रेरा ने रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट का ऑडिट करने के लिए करी एंड ब्राउन एजेंसी को नामित किया है। अभी तक 15 प्रमोटर्स के प्रॉजेक्ट का ऑडिट हुआ है, जो यूपी रेरा अध्यक्ष के साथ मीटिंग में शामिल हुए थे। बाकी इस फंड के लिए इच्छुक प्रमोटर्स के प्रस्ताव के बाद ऑडिट कर फैसला लिया जाएगा। हालांकि आम्रपाली, जेपी और यूनिटेक ग्रुप के प्रॉजेक्ट इस योजना से बाहर हैं। शहर में यहां निवेश करने वाला बड़ा वर्ग है। आम्रपाली के करीब 20 हजार, जेपी के 25 हजार और यूनिटेक के 10 हजार बायर्स अधर में फंसे हुए हैं।

ये हैं शर्त
1. प्रॉजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड हो।
2. फंड की वजह से प्रॉजेक्ट रुका न हो।
3. अफोर्डेबल व मिडिल इनकम ग्रुप के लिए हो।
4. प्रॉजेक्ट पूरा होने के करीब वालों को प्राथमिकता।
5. हाउसिंग यूनिट का कारपेट एरिया 200 वर्ग मीटर से अधिक न हो।
6. एक यूनिट की कीमत 1.5 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होने चाहिए।
7. किसी भी प्रॉजेक्ट को अधिकतम 400 करोड़ रुपए मिलेंगे।

मीटिंग में मौजूद थे ये बिल्डर
लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटड, वैल्यूएंट इन्फ्राडिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, एआईएमएस मैक्स गार्डेनिया डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, रूद्र बिल्डवेल होम्स प्राइवेट लिमिटेड, किंडल इन्फ्राहाइट्स प्राइवेट लिमिटेड, सिक्का इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ईकोग्रीन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, राजेश प्रॉजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, सुपरटेक लिमिटेड, जेकेजी कंस्ट्रक्शन, मास्कोट सोहो होम्स प्राइवेट लिमिटेड, अर्थकॉन यूनिवर्सल इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, सनवर्ल्ड, पंचशील ग्रुप ग्रीन-2 और अंतरिक्ष समूह के पदाधिकारी मौजूद रहे।
 

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