लोन वसूली के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर होगी सख्त कार्रवाई, RBI का नोटिफिकेशन जारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Aug, 2022 05:51 PM

strict action will be taken on using abusive language for loan recovery

मजबूरी में कई बार लोगों को लोन लेना पड़ता है लेकिन कई बार ऐसी परिस्थिति बनती है कि वे किस्त नहीं चुका पाते हैं। इससे बैंकों के लोन रिकवरी एजेंट उन्हें वसूली को लेकर परेशान करने लगते हैं। कई बार तो वे गाली-गलौच और हाथापाई पर उतर आते हैं लेकिन अब वे...

बिजनेस डेस्कः मजबूरी में कई बार लोगों को लोन लेना पड़ता है लेकिन कई बार ऐसी परिस्थिति बनती है कि वे किस्त नहीं चुका पाते हैं। इससे बैंकों के लोन रिकवरी एजेंट उन्हें वसूली को लेकर परेशान करने लगते हैं। कई बार तो वे गाली-गलौच और हाथापाई पर उतर आते हैं लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। रिजर्व बैंक ने उन पर नकेल कसने के लिए नियमों को सख्त बना दिया है। 

आरबीआई ने साफ कहा है कि उसके रेगुलेटरी दायरे में आने वाली सभी एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा कि कलेक्शन एजेंट कर्जदारों को परेशान ना करें। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल में कहा कि लोन रिकवरी एजेंट लोगों के साथ गलत व्यवहार करते हैं, जो कतई स्वीकार्य नहीं है।

आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि वह रिकवरी एजेंट्स की करतूतों से चिंतित है। रेगुलेटर एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे या उनके एजेंट कर्ज की वसूली करते समय किसी तरह की डराने-धमकाने वाली हरकत न करें। किसी भी कर्जदार के साथ गाली-गलौच या हाथापाई नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय बैंक ने साथ ही कहा कि बैंक, नॉन-बैंक और दूसरी रेगुलेटेड एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके रिकवरी एजेंट्स को कर्जदार के दोस्तों या परिजनों के साथ सार्वजनिक रूप से कोई बदतमीजी नहीं करनी चाहिए और न ही उनकी प्राइवेसी में दखल देना चाहिए। कर्जदारों को मोबाइल या सोशल मीडिया के जरिए डराने-धमकाने वाली मैसेज नहीं भेजने चाहिए और न ही इस तरह के कॉल करने चाहिए।

केंद्रीय बैंक का कहना है कि रिकवरी एजेंट्स को बार-बार कर्जदार को फोन नहीं करना चाहिए। लोन की रिकवरी के बारे में कर्जदारों को सुबह आठ बजे से पहले और शाम सात बजे बाद फोन नहीं किया जाना चाहिए। आरबीआई ने कहा कि अगर किसी भी रेगुलेटेड एंटिटी ने इसका उल्लंघन किया तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जून में एक सम्मेलन में कहा था कि कर्जदारों को लोन रिकवरी एजेंट किसी भी समय फोन कर देते हैं और उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। सेंट्रल बैंक इसे गंभीरता से ले रहा है और कड़े कदम उठाने से नहीं हिचकेगा।

इस बारे में पहले से ही आरबीआई की गाइडलाइन मौजूद है। इसके मुताबिक लोन रिकवरी के लिए बाहुबल का इस्तेमाल करना या इस्तेमाल करने की धमकी देना उत्पीड़न के दायरे में आता है। अगर कोई रिकवरी एजेंट आपको परेशान कर रहा है, तो बिना देरी किए आप इसकी शिकायत रिजर्व बैंक के पास कर सकते हैं। साथ ही कर्जदारों के पास लोन रिकवरी एजेंट के अभद्र व्यवहार से निपटने के कानूनी रास्ते भी हैं।

एजेंट परेशान करे तो..

रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक लोन रिकवरी एजेंट लोन की वसूली के लिए धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं ले सकते हैं। इसमें मौखिक या शारीरिक दोनों तरह का उत्पीड़न शामिल है। कर्ज लेने वाले व्यक्ति को बार-बार फोन करना भी परेशान करने की श्रेणी में आता है। इतना ही नहीं, लोन लेने वाले व्यक्ति के घर या वर्कप्लेस पर बिना बताए जाकर रिश्तेदारों, दोस्तों या साथी कर्मचारियों को धमकाना और परेशान करना भी उत्पीड़न है। धमकी या अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी इसे दायरे में आता है।

अगर लोन रिकवरी एजेंट आपको परेशान करता है तो आपको सबसे पहले बैंक से इसकी शिकायत करनी चाहिए। आप अपनी परिस्थितियों के बारे में बैंक को बता सकते हैं और लोन रिपेमेंट की शर्तों में बदलाव का अनुरोध कर सकते हैं। अगर बैंक 30 दिन के भीतर आपकी शिकायत का निपटारा नहीं करता है तो आप बैंकिंग ओंबड्समैन से शिकायत कर सकते हैं। साथ ही बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई को भी शिकायत की जा सकती है। रिजर्व बैंक उस बैंक को ऑर्डर दे सकता है और खास मामलों में जुर्माना भी लगा सकता है। अगर रिकवरी एजेंट कोई गैर-कानूनी एक्शन लेता है यानी हाथापाई करता है या कोई चीज उठा ले जाता है तो पुलिस में शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा कर्जदार के पास लोक अदालत और कंज्यूमर कोर्ट में जाने का भी विकल्प है। 
 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!