भारतीय डाक से जीवन बीमा को अलग करने को लेकर अध्ययन जारी: अधिकारी

Edited By Supreet Kaur,Updated: 15 Nov, 2019 02:34 PM

study on separation of life insurance from indian post continues

डाक विभाग डाक जीवन बीमा (पीएलआई) कारोबार को विभाजित कर एक अलग कंपनी में बदलने को लेकर गंभीरता से ‘अध्ययन'' कर रहा है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह कहा। पश्चिम बंगाल सर्किल के मुख्य महाडाकपाल (सीपीएमजी) गौतम भट्टाचाय्र ने कहा कि पूर्व...

कोलकाताः डाक विभाग डाक जीवन बीमा (पीएलआई) कारोबार को विभाजित कर एक अलग कंपनी में बदलने को लेकर गंभीरता से ‘अध्ययन' कर रहा है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह कहा। पश्चिम बंगाल सर्किल के मुख्य महाडाकपाल (सीपीएमजी) गौतम भट्टाचाय्र ने कहा कि पूर्व में पीएलआई केवल सरकारी और अर्द्ध-सरकारी प्रतिष्ठानों (के कर्मचारियों) के लिए थी , इसे अब सूचीबद्ध कंपनियों तथा पेशेवरों के लिये भी खोल दिया गया है।

भट्टाचार्य ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘डाक विभाग पीएलआई कारोबार को विभाजित कर उसे अलग इकाई का रूप देने पर गंभीरता से अध्ययन कर रहा है।'' उन्होंने कहा कि हालांकि पीएलआई की बाजार हिस्सेदारी अभी बहुत कम 3 प्रतिशत है लेकिन यह अन्य जीवन बीमा कंपनियों के मुकाबले अधिक बोनस की पेशकश करता है और प्रीमियम भी कम है।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘इसका कारण बीमा पॉलिसी बेचने का कमीशन कम होना तथा परिचालन लागत कम है।'' उन्होंने कहा कि फिलहाल डाक विभाग के कुल राजस्व में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी डाक विभाग बचत योजना से है। भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमारा जोर पार्सल मेल के जरिए आय बढ़ाने पर है।''

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