Edited By Supreet Kaur,Updated: 06 Sep, 2018 10:43 AM
सरकार ने शुगर मिलों की मांगें मानीं तो चीनी पांच से सात रुपए महंगी हो सकती है। मिलों के संगठन इस्मा ने कहा कि उनके लिए बिक्री की कम से कम कीमत 36 रुपए तय होनी चाहिए। जून में सरकार ने इसे 29 रुपए तय किया था। अगर मिलों के लिए न्यूनतम कीमत बढ़ी तो खुदरा...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने शुगर मिलों की मांगें मानीं तो चीनी पांच से सात रुपए महंगी हो सकती है। मिलों के संगठन इस्मा ने कहा कि उनके लिए बिक्री की कम से कम कीमत 36 रुपए तय होनी चाहिए। जून में सरकार ने इसे 29 रुपए तय किया था। अगर मिलों के लिए न्यूनतम कीमत बढ़ी तो खुदरा बाजार में बिना ब्रांड वाली चीनी के दाम 45 रुपए किलो तक जा सकते हैं। अभी यह 38-40 रुपए किलो बिक रही है। सरकार ने जून में भी इंडस्ट्री के लिए 7,000 करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी।
दरअसल, चीनी मिलें ज्यादा उत्पादन की समस्या से जूझ रही हैं। एक कार्यक्रम में इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि 3 महीने पहले न्यूनतम कीमत बढ़ने के बावजूद इंडस्ट्री संकट में है। मिलों पर किसानों का करीब 13,000 करोड़ बकाया है। कीमत 36 रुपए करने से गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी।