Edited By Supreet Kaur,Updated: 18 Sep, 2018 11:15 AM
पिछले हफ्ते एथनॉल की कीमतों में वृद्घि कर चीनी उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज देने के बाद सरकार चीनी मिलों को एक और प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। मिलों के लिए चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर 34 रुपए प्रति किलोग्राम करने पर गंभीरता...
नई दिल्लीः पिछले हफ्ते एथनॉल की कीमतों में वृद्घि कर चीनी उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज देने के बाद सरकार चीनी मिलों को एक और प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। मिलों के लिए चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर 34 रुपए प्रति किलोग्राम करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों के लिए भी कर्ज पुनर्गठन या इसी तरह के अन्य प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं।
मिलों की ओर से चीनी का एमएसपी 37 रुपए किलो करने की मांग की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 34 रुपए किलो एमएसपी की सिफारिश की है। हालांकि केंद्र सरकार 34 से 35 रुपए किलो एमएसपी तय कर सकती है। सहकारी चीनी मिलों को भी प्रोत्साहन की जरूरत महसूस की जा रही है। सरकार के इन कदमों से खुले बाजार में चीनी की कीमतों में इजाफा हो सकता है।
सरकार ने जून की शुरुआत में 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की घोषणा कर उद्योग को एक तरह से प्रोत्साहन पैकेज दिया था, वहीं एसएपी 29 रुपए किलो तय किया गया था। इस कीमत से कम पर मिलें चीनी की बिक्री नहीं कर सकती हैं। पिछले हफ्ते के प्रोत्साहन पैकेज से चीनी कंपनियों के शेयरों में खासी तेजी आई थी। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 10 चीनी कंपनियों के शेयर भाव में एक हफ्ते के दौरान करीब 40 फीसदी की तेजी आई। चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्घि से फैक्टरी कीमत में सीधे इजाफा होगा और प्राप्ति स्तर मिलों की उत्पादन लागत के करीब पहुंच जाएगा। एमएसपी में वृद्घि से अतिरिक्त चीनी का तेजी से निर्यात करने में भी सहूलियत होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि इस बारे में औपचारिक निर्णय जल्द ही लिया जा सकता है।