चीनी उत्पादन 8% बढ़ा, गन्ना किसानों का बकाया 20,000 करोड़ रुपए पर पहुंचा: इसमा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Feb, 2019 04:28 PM

sugar output up 8 pc till jan arrears to cane farmers touch rs 20 000 cr isma

गन्ना उत्पादक किसानों का बकाया एक बार फिर 20 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। चीनी विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर 2018-19) के शुरुआती चार माह में चीनी उत्पादन 8 प्रतिशत बढ़कर 185 लाख टन हो गया।

नई दिल्लीः गन्ना उत्पादक किसानों का बकाया एक बार फिर 20 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। चीनी विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर 2018-19) के शुरुआती चार माह में चीनी उत्पादन 8 प्रतिशत बढ़कर 185 लाख टन हो गया। चीनी मिलों के संगठन इसमा ने यह जानकारी दी है। संगठन ने यह भी कहा कि इस लिहाज से गन्ना किसानों का बकाया काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच सकता है।

भारतीय चीनी मिल संघ (इसमा) ने एक बयान में कहा कि हालांकि, उत्पादन विपणन वर्ष 2018-19 में घटकर 307 लाख टन रह सकता है जो इससे पिछले साल में रिकार्ड 325 लाख टन रहा था। इसमा ने कहा, ‘‘देश भर में गन्ना किसानों का बकाया जनवरी 2019 में करीब 20,000 करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है। चालू चीनी सत्र 2018-19 के शेष तीन व्यस्त महीनों में पेराई की गति तथा तथा देश भर में चीनी की एक्स-मिल कीमत यदि 29 से 30 रुपए किलो पर बनी रहती है तो मिलों के लिए गन्ने का समय पर भुगतान करना मुश्किल होगा।’’

संगठन ने कहा, ‘‘ऐसी आशंका है कि यह अप्रैल 2019 के अंत तक यह काफी असंतोषजनक स्तर तक पहुंच सकता है।’’ इसमा ने कहा कि मिलों में चीनी की कीमत 29 से 30 रुपए किलो है जो चीनी की उत्पादन लागत से करीब 5-6 रुपए कम है। संगठन ने मांग की कि केंद्र को मिलों के लिए चीनी का न्यूनतम भाव बढ़ाकर 35-36 रुपए किलो करना चाहिए ताकि चीनी मिलें अपनी लागत वसूल सकें और गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान कर सकें। इसमा ने कहा, ‘‘देश में 514 चीनी मिलों ने 31 जनवरी 2019 तक 185.19 लाख टन चीनी का उत्पादन किया। वहीं पिछले मौसम में 504 चीनी मिलों ने इसी अवधि तक 171.23 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।’’

एसोसिएशन ने कहा कि चालू विपणन वर्ष में अधिक उत्पादन का कारण पेराई का काम पिछले साल के मुकाबले जल्दी शुरू होना है। अक्टूबर 2018 से जनवरी 2019 के दौरान महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 70.70 लाख टन रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 63.08 लाख टन रहा था। उत्तर प्रदेश में उत्पादन जनवरी 2019 तक 53.36 लाख टन रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 53.98 लाख टन था। बयान के अनुसार, ‘‘चीनी निर्यात भी अनुकूल गति से नहीं हो रहा। कई चीनी मिल आबंटित कोटा के मुकाबले या तो स्वेच्छा से निर्यात नहीं कर रही या यह उन्हें व्यवहारिक नहीं लग रहा है। इसीलिए निर्यात कोटा को लागू करने के लिए, सरकार कोटा को सही तरीके से अमल में लाए।’’ 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!