Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 May, 2017 01:27 PM
गन्ना पेराई सत्र समाप्त हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश की सभी 116 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का...
लखनऊः गन्ना पेराई सत्र समाप्त हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश की सभी 116 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 3557 करोड़ रुपया बकाया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि सूबे में इस साल 8247.19 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई जिसकी बदौलत 874.97 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन कर यह प्रदेश समूचे देश में अव्वल रहा।
इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दावा किया था कि उनके दो माह के कार्यकाल के दौरान चीनी मिलों ने किसानों के गन्ना बकाया का करीब 20,000 करोड़ रुपए भुगतान कर दिया है लेकिन अभी भी चीनी मिलों पर किसानो का 3557 करोड़ रुपए बकाया है।
उत्तर प्रदेश शुगर मिल एसोसिएशन (यू.पी.एस.एम.ए.) ने दावा किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की केवल एक चीनी मिल ने 13.63 करोड़ रुपए किसानों का भुगतान किया जबकि 26 मई 2017 तक 24 सहकारी मिलों का 420.50 करोड़ रुपए की देनदारी है।एसोसिएशन का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र और सहकारी मिलों को राज्य सरकार परोक्ष रूप से नियंत्रित करती है।
यू.पी.एस.ए. द्वारा जारी विग्यप्ति के अनुसार चीनी मिलों ने कुल 25,786.44 करोड़ रुपए बकाए राशि में से अब तक 21,826.47 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया है जो कि 85.98 फीसदी है। कुल 3557.97 करोड़ रुपए बकाए में सबसे अधिक 91 निजी चीनी मिलों पर 3123.84 करोड़ रुपए की देनदारी है जबकि 434.13 करोड रुपए की देनदारी सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के मिलों पर है।