गन्ने की बुआई इस बार होगी कम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Apr, 2018 01:28 PM

sugarcane sowing will be less this time

देश में गन्ने की बकाया राशि मार्च में फरवरी के मुकाबले 10 फीसदी बढ़ी है। इसकी वजह यह है कि चालू पेराई सीजन में चीनी की कीमतों में लगातार गिरावट से चीनी मिलें किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रही हैं। इस क्षेत्र की शीर्ष संस्था भारतीय चीनी मिल...

नई दिल्लीः देश में गन्ने की बकाया राशि मार्च में फरवरी के मुकाबले 10 फीसदी बढ़ी है। इसकी वजह यह है कि चालू पेराई सीजन में चीनी की कीमतों में लगातार गिरावट से चीनी मिलें किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रही हैं। इस क्षेत्र की शीर्ष संस्था भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) का अनुमान है कि कुल बकाया मार्च के अंत तक बढ़कर 160 से 170 अरब रुपए पर पहुंच गया है, जो फरवरी के अंत में 140 से 150 अरब रुपए था। हालांकि इस्मा वित्त वर्ष के आधार पर गन्ना बकाया के आंकड़े नहीं रखता है।

गन्ने के बढ़ते बकाया से किसान आने वाले वर्षों में अन्य फसलों की बुआई की तरफ रुख कर सकते हैं। आम तौर पर किसान फसल की बुआई का फैसला पिछले साल उपज की मिलों कीमतों के आधार पर करते हैं। अब तक का यह रुझान रहा है कि जिस साल किसानों की किसी उपज की कीमतें गिरती हैं तो वे अगले सीजन में दूसरी ज्यादा फायदा देने वाली फसलों का रुख कर लेते हैं। इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा, 'घरेलू बिक्री से चीनी के कम दाम मिलने और वैश्विक चीनी बाजार में भी कीमतें कमजोर होने से चीनी मिलें किसानों को समय पर गन्ने का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं जुटा पा रही हैं। मिलों की आमदनी में 80 से 85 फीसदी हिस्सा चीनी का होता है, इसलिए उसकी कीमतों में गिरावट से मिलों की किसानों को गन्ने के भुगतान की क्षमता प्रभावित होती है। इससे गन्ने का बकाया बढ़ता है।

इस्मा का अनुमान है कि 31 मार्च, 2018 तक गन्ने का बकाया उत्तर प्रदेश में 72 अरब रुपए और महाराष्ट्र में 25 अरब रुपए था। बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित अन्य प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने का कुल बकाया 40 अरब रुपए होने का अनुमान है। इस्मा का अनुमान है कि देश में 31 मार्च, 2018 तक कुल 281.8 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल इस समय तक उत्पादित चीनी 188.9 लाख टन से करीब 33 फीसदी अधिक है। उद्योग का अनुमान है कि इस साल देश का कुल चीनी उत्पादन 45 फीसदी बढ़कर 295 लाख टन रहेगा, जो पिछले साल 203 लाख टन था।

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