रेलवे को रेल की आपूर्ति एक सपने के सच होने जैसा: जिंदल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Aug, 2018 03:12 PM

supplying rails to railways like a dream come true naveen jindal

जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा है कि रेलवे को रेल की आपूर्ति उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है। रेलवे को रेल की आपूर्ति करने वाली जेएसपीएल निजी क्षेत्र की पहली कंपनी बन गई है।

नई दिल्लीः जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा है कि रेलवे को रेल की आपूर्ति उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है। रेलवे को रेल की आपूर्ति करने वाली जेएसपीएल निजी क्षेत्र की पहली कंपनी बन गई है। पिछले सप्ताह जेएसपीएल को भारतीय रेलवे के लंबी रेल की आपूर्ति की 2,500 करोड़ रुपए की निविदा में से 20 प्रतिशत ठेका हासिल हुआ था।

जिंदल ने कहा, ‘‘यह एक भावनात्मक और गौरवपूर्ण क्षण है। यह सपने के सच होने जैसा है। यह सपना मैंने 20 साल पहले देखा था। मैंने हमेशा रेलवे को रेल की आपूर्ति का सपना देखा है।’’ जेएसपीएल ने 2003 में अपने रायगढ़ संयंत्र में रेल मिल लगाई थी। भारत में सेल के बाद रेल का उत्पादन करने वाली जेएसपीएल दूसरी कंपनी है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान हमें उद्योग से लंबी रेल के आर्डर मिलते रहे। हम ईरान, बांग्लादेश और कुछ अन्य देशों को निर्यात कर रहे हैं। भारत में हमने मालढुलाई गलियारे के लिए रेल की आपूर्ति की है लेकिन हमारा मख्य उद्देश्य रेलवे को रेल की आपूर्ति करने का था। हम पिछले 15 साल से इसका प्रयास कर रहे थे।’’ अभी तक सहमति ज्ञापन (एमओयू) के तहत सेल अपने छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र से रेलवे को विशिष्ट रूप से रेल की आपूर्ति कर रही है। 

जेएसपीएल अपने छत्तीसगढ के रायगढ़ के 36 लाख टन के इस्पात संयंत्र में 10 लाख टन सालाना की रेल मिल का परिचालन कर रही है। यह पूछे जाने पर कि रेलवे से आर्डर मिलने का मतलब सेल का रेल खंड में एकाधिकार टूटना है, जिंदल ने कहा कि सेल सिर्फ एक सीमा तक आपूर्ति कर सकती है। उन्होंने कहा कि रेलवे सेल से उतनी ही खरीद कर रही है जितना वह उत्पादन कर रही है। यदि रेलवे की जरूरत 15 लाख टन की है और सेल 10 लाख टन का ही उत्पादन कर पा रही है तो 5 लाख टन की कमी रहेगी। इस कमी की भरपाई के लिए ही रेलवे ने वैश्विक निविदा निकाली है।  
 

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