Edited By vasudha,Updated: 24 Jan, 2020 01:52 PM
उच्चतम न्यायालय ने कंपनी पंजीयक की याचिका निरस्त करने के राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी। कंपनी पंजीयक ने टाटा-मिस्त्री मामले में एनसीएलएटी के आदेश में संशोधन की याचिका दायर की थी...
बिजनेस डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने कंपनी पंजीयक की याचिका निरस्त करने के राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी। कंपनी पंजीयक ने टाटा-मिस्त्री मामले में एनसीएलएटी के आदेश में संशोधन की याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की अपील पर सुनवाई करने को सहमत हो गयी।
पीठ ने संबंधित पक्षों को इसे लेकर नोटिस जारी किया। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ टाटा संस द्वारा दायर मुख्य याचिका के साथ ही इस मामले की सुनवाई करेगा। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने साइरस मिस्त्री को पुन: टाटा समूह का कार्यकारी चेयरमैन बनाने के एनसीएलएटी के आदेश पर 10 जनवरी को रोक लगा दी थी।
दरअसल NCLAT ने अपने आदेश में कहा था कि टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने का फैसला ‘अवैध’ है। इसके साथ ही NCLAT ने टाटा संस के बर्खास्त चेयरमैन साइरस मिस्त्री को फिर बहाल करने का निर्देश दिया था। इस फैसले पर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को आपत्ति थी और उसने याचिका दायर कर दी।