Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 12:59 PM
सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ्रा को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के सभी डायरेक्टर्स की प्रॉपर्टी फ्रीज करने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने जेपी असोसिएट्स की ओर से जमा कराई गई 275 करोड़ रुपए की रकम को स्वीकार कर लिया। चीफ...
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ्रा को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के सभी डायरेक्टर्स की प्रॉपर्टी फ्रीज करने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने जेपी असोसिएट्स की ओर से जमा कराई गई 275 करोड़ रुपए की रकम को स्वीकार कर लिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय बेंच ने सभी 13 निदेशकों की निजी संपत्ति को फ्रीज कर लिया है। अदालत के आदेश के बिना ये लोग अपनी संपत्ति नहीं बेच सकेंगे। यही नहीं निदेशकों के पारिवारिक सदस्य भी अपनी संपत्ति नहीं बेच सकेंगे।
अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि आदेश के बावजूद निवेशक अपनी संपत्ति बेचने की कोशिश करते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलेगा। अदालत ने 13 नवंबर को हुई सुनवाई में जेपी ग्रुप से निवेशकों के 2,000 करोड़ रुपए लौटाने का प्लान पूछा था। इसके अलावा 22 नवंबर को सभी निदेशकों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया था। इस पर जेपी असोसिएट्स लिमिटेड ने आज शीर्ष अदालत में 275 करोड़ रुपए जमा कराए। अदालत ने ग्रुप को 14 दिसंबर को 150 करोड़ रुपए और 31 दिसंबर को 125 करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी की तारीख तय की है। अदालत ने इस दिन सभी 13 निदेशकों से पेश होने को कहा है।