प्राइवेट कर्मचारियों को बड़ी राहत, अब रिटायरमेंट के बाद मिलेगाी कई गुणा पेंशन

Edited By vasudha,Updated: 02 Apr, 2019 11:52 AM

supreme court paves way for higher pension to all private sector employees

उच्चतम न्यायालय ने निजी कंपनियों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कर्मचारियों के लिए पहले से ज्यादा पेंशन का रास्ता साफ कर दिया है, जिससे कर्मचारियों की पेंशन में कई गुना की बढ़ोतरी हो जाएगी...

बिजनेस डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने निजी कंपनियों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कर्मचारियों के लिए पहले से ज्यादा पेंशन का रास्ता साफ कर दिया है, जिससे कर्मचारियों की पेंशन में कई गुना की बढ़ोतरी हो जाएगी। 
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को EPFO की उस याचिका को खारिज कर दिया, जो उसने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दी थी। दरअसल, हाईकोर्ट ने ईपीएफओ से निर्देश दिया था कि वह सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी पूरी तनख्वाह के आधार पर पेंशन दे ना कि अंशदान के आधार पर तय किया जाए जो कि प्रतिमाह अधिकतम 15 हजार रूपये निर्धारित है। कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। 
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ईपीएस की शुरुआत 1995 में की गई थी। तब नियोक्ता कर्मचारी की सैलरी का अधिकतम सालाना 6,500 (541 रुपये महीना) का 8.33 पर्सेंट ही ईपीएस के लिए जमा कर सकता था। मार्च 1996 में इस नियम में बदलाव किया गया कि अगर कर्मचारी फुल सैलरी के हिसाब से स्कीम में योगदान देना चाहे और नियोक्ता भी राजी हो तो उसे पेंशन भी उसी हिसाब से मिलनी चाहिए। सितंबर 2014 में ईपीएफओ ने नियम में फिर बदलाव किए। अब अधिकतम 15 हजार रुपये का 8.33% योगदान को मंजूरी मिल गई। 

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गौरतलब है कि केरल हाईकोर्ट ने 1 सितंबर 2014 को हुए बदलाव को रद्द करके पुराना सिस्टम चालू कर दिया। इसके बाद पेंशन वाली सैलरी पिछले साल की औसत सैलरी पर तय होने लगी। 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ से कहा कि इसका फायदा उन लोगों को भी दिया जाए जो पहले से फुल सैलरी के बेस पर पेंशन स्कीम में योगदान दे रहे थे। 
 

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