सुप्रीम कोर्ट ने HDIL की संपत्तियों की बिक्री संबंधी आदेश पर रोक लगाई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Feb, 2020 05:13 PM

supreme court stays order on sale of properties of hdil

सुप्रीम कोर्ट ने संकट से जूझ रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक का बकाया चुकाने के लिए रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की संपत्तियों को बेचने का निर्देश देने वाले बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक...

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने संकट से जूझ रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक का बकाया चुकाने के लिए रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की संपत्तियों को बेचने का निर्देश देने वाले बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। 

कोर्ट ने जारी किया नोटिस
चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने यह फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने सरोज दमानिया सहित को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने पीएमसी बैंक खाताधारकों को देय राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

पहले किया था कमेटी का गठन
इससे पहले बकाय के भुगतान के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया था, जिसे एचडीआईएल की संपत्तियों की बिक्री के लिए उसका मूल्यांकन करना था।  

23 सितंबर को लगी थी पीएमसी पर रोक
23 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने छह महीनों तक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक पर रोक लगा दी थी। इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। बैंक की आंतरिक जांच टीम ने कहा था कि पीएमसी बैंक के रिकॉर्ड से कुल 10.5 करोड़ रुपए नकद गायब है। 

संपत्तियां बेचकर रकम चुकाने के लिए तैयार
एचडीआईएल के प्रमोटर अपनी अटैच संपत्ति बेचकर रकम चुकाने के लिए तैयार हैं। एडीआईएल के प्रमोटर राकेश और सारंग वधावन ने वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और जांच एजेंसियों को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने अपना एयरक्राफ्ट, अल्ट्रा लग्जरी कारें और याट-बोट समेत 18 अटैच संपत्तियों को नीलाम करने की बात कही है। अदालती कार्यवाही के दौरान पीएमसी बैंक के कई खाताधारकों ने कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया और अपना पैसा जल्द से जल्द वापस दिलाने की मांग की। 

यह है मामला
यह घोटाला 6500 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। पहले बात सामने आई थी कि यह घोटाला 4,355 करोड़ रुपए का है। मामले में एक सूत्र ने बताया था कि, 'यह आश्चर्य की बात है कि बैंक की तरफ से बांटे गए कुल कर्ज का दो-तिहाई हिस्सा सिर्फ एक ही कंपनी को दिया गया। उसने कहा कि हो सकता है कि बैंक साल 2008 से ही फर्जीवाड़ा कर रहा है। पिछले 10 सालों से हाउसिंग कंपनी एचडीआईएल को पैसे दिलाने के लिए बैंक ने कईं डमी खाते खोले थे। बैंक के चेयरमैन वरयाम सिंह एचडीआईएल के बोर्ड में शामिल थे। बैंक द्वारा एचडीआईएल को रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन के तौर पर कितना कर्ज दिया गया, इसका खुलासा नहीं किया गया था, जो नियमों के विरुद्ध है।

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