वायदा, विकल्प खंड में निवेशकों की रुचि देखकर चकित, दीर्घावधि का निवेश देता है बेहतर रिटर्न: बुच

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Nov, 2023 05:05 PM

surprised to see investors  interest in futures options segment

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने सोमवार को कहा कि वह निवेशकों की वायदा एवं विकल्प क्षेत्र में रुचि देखकर चकित और भ्रमित हैं। यह स्थिति तब है जब इसमें निवेश करने वाले 90 प्रतिशत लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मुंबईः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने सोमवार को कहा कि वह निवेशकों की वायदा एवं विकल्प क्षेत्र में रुचि देखकर चकित और भ्रमित हैं। यह स्थिति तब है जब इसमें निवेश करने वाले 90 प्रतिशत लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि निवेशकों को लंबी अवधि पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इस रणनीति से मुद्रास्फीति से ऊपर रिटर्न की काफी संभावना है। 

सेबी प्रमुख ने यहां एशिया के सबसे पुराने शेयर बाजार बीएसई में निवेशक जोखिम बचाव पहुंच (आईआरआरए) मंच शुरू किए जाने के दौरान पूंजी बाजार नियामक के एक हालिया शोध का जिक्र किया। इसके अनुसार वायदा एवं विकल्प खंड (एफएंडओ) में 45.24 लाख व्यक्तिगत कारोबारियों में से केवल 11 प्रतिशत ने लाभ कमाया है। शोध के अनुसार, महामारी के दौरान एफएंडओ खंड में निवेशकों की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। व्यक्तिगत कारोबारियों की कुल संख्या वित्त वर्ष 2018-19 के 7.1 लाख के मुकाबले 500 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है। बुच ने कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर हमेशा थोड़ी भ्रमित और आश्चर्यचकित रहती हूं कि लोग एफएंडओ में जोखिम के बारे में जानते हैं, उन्हें यह भी पता है कि यह उनके पक्ष में नहीं है। उसके बाद भी उसमें निवेश कर रहे हैं। यह समझ से परे है।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘निवेशकों के वायदा एवं विकल्प खंड में पैसा खोने की 90 प्रतिशत आशंका है लेकिन हम यह भी जानते हैं और उपलब्ध आंकड़ों से हमें पता चलता है कि यदि आप बाजार में दीर्घकालिक नजरिया अपनाते हैं और आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, आप शायद ही कभी गलत होंगे।'' सेबी प्रमुख ने कहा, ‘‘इस बात की काफी संभावना है कि अगर एक निवेशक लंबे समय तक बाजार में टिकता है तो उसकी संपत्ति यानी रिटर्न अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति की दर से अधिक होगा।'' उन्होंने सभी से निवेश के लिए दीर्घकालिक नजरिया अपनाने का ‘आग्रह' किया। उन्होंने कहा कि वायदा एवं विकल्प खंड में हर दिन पैसा खोने से अच्छा लंबी अवधि का निवेश है, जिसमें अच्छे रिटर्न की बेहतर संभावना है। 

सेबी के शोध पत्र के अनुसार, वित्त वर्ष 2011-12 में वायदा एवं विकल्प खंड में 89 प्रतिशत लोगों ने पैसा गंवाया। उनका औसत नुकसान 1.1 लाख रुपए था। वहीं कुछ लोग इसमें भाग्यशाली थे। उनका औसत लाभ 1.5 लाख रुपए था। एफएंडओ खंड में एक-तिहाई से अधिक निवेशक 20-30 वर्ष की उम्र के हैं जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह केवल 11 प्रतिशत था। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रोकिंग उद्योग और शेयर बाजार परिचालन के स्तर चीजों को सुगम बनाने और मानक तय करने को लेकर 50 चीजों पर ध्यान देने को संभवत: सहमत हो गए हैं। सेबी प्रमुख ने साथ मिलकर काम करने के लिए संबंधित पक्षों की सराहना भी की।  
 

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