Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Aug, 2019 06:54 PM
सरकारी स्वामित्व वाले सिंडिकेट बैंक को चालू वित्त वर्ष में फंसे हुए कर्ज की वसूली से 4,000 करोड़ रुपए की प्राप्ति की उम्मीद है। सिंडिकेट बैंक के प्रबंध निदेशक मृतुंजय महापात्र ने बताया कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत चल रहे...
नई दिल्लीः सरकारी स्वामित्व वाले सिंडिकेट बैंक को चालू वित्त वर्ष में फंसे हुए कर्ज की वसूली से 4,000 करोड़ रुपए की प्राप्ति की उम्मीद है। सिंडिकेट बैंक के प्रबंध निदेशक मृतुंजय महापात्र ने बताया कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत चल रहे मामलों का राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा निपटारे एवं एकमुश्त समझौता सहित बैंक स्तर पर मामले के समाधान से धन राशि की वसूली की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बैंक ने पहली तिमाही में 800 करोड़ रुपए की वसूली की है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान 4,000 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य है। इसके अलावा बैंक को कर्ज वितरण को गति देने को लेकर सरकार से धन राशि मिलने की उम्मीद है। महापात्र ने कहा, ''हमने सरकार से पूंजी डालने का आग्रह किया है। सरकार को यह तय करना है कि बैंक को यह राशि कैसे देनी है।''