Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 May, 2019 05:38 PM
तमिलनाडु सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि 2017-18 के वित्तीय वर्ष से इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (IGST) में उसके हिस्से का भुगतान किया जाए। अधिकारियों ने कहा कि यह राशि 3 5,453.82 करोड़ रुपए की है।
तमिलनाडु: तमिलनाडु सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि 2017-18 के वित्तीय वर्ष से इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (IGST) में उसके हिस्से का भुगतान किया जाए। अधिकारियों ने कहा कि यह राशि 3 5,453.82 करोड़ रुपए की है।
IGST योजना के तहत इसमें जो भी कर वसूली होगा उसमें से 50 फीसदी केंद्र सरकार को मिलेगा और बाकी का 50 फीसदी हिस्सा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित किया जाएगा, जो राज्य जीएसटी का अंश हैं। सीजीएसटी का 42 फीसदी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि इस तरह IGST का 71 फीसदी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को मिल सकता है। जिनमें एसजीएसटी का 50 फीसदी और सीजीएसटी के 50 फीसदी का 42 फीसदी यानि की 21 फीसदी शामिल है। मगर गलत अनुमानों के अनुसार, राज्यों को 2017-18 के दौरान IGST का केवल 42 फीसदी हिस्सा मिला। 2017-18 के दौरान IGST के रुप में 1,76,688.44 करोड़ की वसूली हुई, उसका 50 फीसदी हिस्सा एसजीएसटी के रुप में अवांटित होना है। इस तरह तमिलनाडु को 5,453.82 करोड़ रुपए प्राप्त करने का अधिकार है।
राज्य सरकार ने बार-बार केंद्र सरकार को उनका वाजिव हिस्सा जारी करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री को ज्ञापन देकर यह मामला उठाया था मगर केंद्र ने यह राशि जारी नहीं की।