Edited By vasudha,Updated: 18 Mar, 2020 12:58 PM
कोरोना वायरस के आर्थिक दुष्प्रभाव को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) नीतिगत ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर रहा है। फिच सॉल्यूशंस ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख...
बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस के आर्थिक दुष्प्रभाव को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नीतिगत ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर रहा है। फिच सॉल्यूशंस ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख ब्याज दरों में 1.75 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। इससे पहले उसका अनुमान था कि ये कटौती 0.40 प्रतिशत की होगी।
फिच ने कोरोना वायरस के चलते फैली महामारी के आर्थिक असर के मद्देनजर अपने अनुमानों में बदलाव किया है। इसका अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहेगी, जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा 5.4 प्रतिशत तक रह सकता है।
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फिच सॉल्यूशंस में हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आरबीआई की प्रमुख नीतिगत दरों में 1.75 प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है। उसने महंगाई में कमी आने का अनुमान जताया है। इसके साथ ही फिच का अनुमान है कि तेल की कीमतें गिरने से आने वाले महीनों में महंगाई से बहुत हद तक निजात मिल सकती है, फरवरी महीने से रबी फसल की पैदावार आने से खाद्य आपूर्ति में सुधार होगा जिससे खाद्य महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी।