टाटा-मिस्त्री विवाद: एक भाई ने रची दूसरे भाई के खिलाफ साजिश?

Edited By ,Updated: 21 Nov, 2016 11:10 AM

tata controversy  a brother against another brother

टाटा ग्रुप में चल रही वॉर में सायरस मिस्त्री के अलावा एक और मिस्त्री का किरदार भी अहम हो गया है।

नई दिल्लीः टाटा ग्रुप में चल रही वॉर में सायरस मिस्त्री के अलावा एक और मिस्त्री का किरदार भी अहम हो गया है। उनके बारे में बहुत कुछ तो लिखा नहीं गया है, लेकिन टाटा ग्रुप में जो भी हुआ, उसमें उनकी भूमिका होने की भी बातें हो रही हैं।

मिस्त्री को मिली थी कीमत चुकाने की धमकी
चार महीने पहले टाटा ग्रुप के फॉर्मर चेयरमैन सायरस मिस्त्री के दोस्त के पास टाटा ग्रुप के एक कॉन्ट्रैक्टर पहुंचे। उन्होंने गुस्से में सायरस के दोस्त से पूछा, 'वह ऐसा क्यों कर रहे हैं?' सायरस के दोस्त के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्टर ने उनसे कहा कि अगर सायरस अपनी हरकतें बंद नहीं करते तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। दोस्त ने यह मेसेज सायरस को दिया। टाटा संस के फॉर्मर चेयरमैन के दोस्तों के मुताबिक सायरस ने इस बात पर अधिक ध्यान नहीं दिया। टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनने के बाद मिस्त्री ने टेंडर का प्रोसेस पारदर्शी बनाया था। सूत्रों का कहना है कि कॉन्ट्रैक्टर ने सायरस को जो धमकी दी थी, वह इसी मामले से जुड़ी थी। सूत्रों के मुताबिक, यह मामला कुछ साल से उफान मार रहा था।

मौसेरे भाई मेहली मिस्त्री पर धमकी देने का दोष
यह कॉन्ट्रैक्टर सायरस के फर्स्ट कजिन मेहली मिस्त्री थे। वह एम पालोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को रिप्रेजेंट करते हैं। सायरस के जिस दोस्त का ऊपर जिक्र किया गया है, उन्होंने बताया, 'सायरस को इसका अंदाजा नहीं था कि 'कीमत चुकानी पड़ेगी' वाली धमकी का क्या मतलब है और उनके अपने कजिन उनके साथ ऐसा करेंगे।' मेहली की उम्र 56 साल है। उन्होंने कहा कि सायरस को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने में उनका कोई रोल नहीं है। मेहली ने एक टेक्स्ट मेसेज में बताया, 'मुझसे यह सवाल पूछा गया है कि क्या मेरे पास किसी को हटाने की अथॉरिटी या पावर है? इसका जवाब यह है कि मेरे पास ऐसी कोई पावर नहीं है और ना ही यह कभी थी।' मेहली के एक करीबी सूत्र ने बताया, 'यह सब सायरस के दिमाग की उपज है।' उन्होंने कहा, 'मेहली रतन टाटा के करीब है। क्या सिर्फ इस वजह से उन्हें दोषी ठहराया जा रहा है?' इस सूत्र के मुताबिक, सायरस को पद से हटाए जाने के बाद से मेहली दुबई में हैं और उन्होंने अपने कजिन से बात नहीं की है। उन्होंने कहा, 'हालांकि, मिस्त्री परिवार के लोग सायरस को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने में मेहली की बड़ी भूमिका होने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन यह गलत है।'

विवाद शुरु होने से पहले करीब थे दोनों परिवार
मेहली और सायरस की मां आपस में बहनें हैं। मिस्त्री परिवार के एक करीबी सूत्र ने बताया, 'विवाद शुरू होने से पहले दोनों परिवार काफी करीब थे। सायरस को हटाए जाने के बाद से दोनों बहनों में बात नहीं हुई है।' इस सूत्र ने कहा, 'मेहली और सायरस साथ-साथ बड़े हुए हैं। उनके रिश्ते कुछ साल पहले तक अच्छे थे। हालांकि, सायरस के टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनने के बाद सबकुछ बदल गया।' सूत्र के मुताबिक, सायरस टेंडर को लेकर पारदर्शी सिस्टम चाहते थे। इनमें से कुछ टेंडर मेहली की कंपनियों को दिए गए थे, उनका मामला भी सामने आया। सूत्र के मुताबिक, 'मेहली उनके मौसेरे भाई थे। इसलिए सायरस ने टेंडरिंग प्रोसेस में बहुत सावधानी बरती। ये सौदे रिलेटेड पार्टी के तहत आने थे। इसमें आदेश दिया गया कि मेहली की कंपनियों को ना ही फेवर किया जाए और ना ही उनके साथ कोई भेदभाव बरता जाए। इससे मेहली नाराज हो गए और उन्होंने सायरस के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान शुरू कर दिया।'

मेहली ही भर सकते थे रतन टाटा के कान 
सायरस के एक दोस्त ने बताया, 'सायरस को लगता है कि मेहली ने रतन टाटा के मन में यह बात भरी कि वह उनके खिलाफ काम कर रहे हैं।' वहीं, मेहली के एक करीबी सूत्र ने कहा कि सायरस के मौसेरे भाई टाटा ग्रुप की किसी कंपनी में कभी भी ऑफिशियल पोजीशन पर नहीं रहे। उन्होंने कहा, 'मेहली ना तो डायरेक्टर रहे और ना ही बोर्ड मेंबर। अगर वह इतने प्रभावशाली होते तो उनके पास ऐसा कोई पद नहीं होना चाहिए था?'

रतन टाटा ने इस मामले में कुछ भी कहने से किया इनकार
इस मामले में टाटा ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि वह इसमें नहीं पड़ना चाहते। उन्होंने मेहली और सायरस के विवाद पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि क्या इसका सायरस को चेयरमैन पद से हटाए जाने से कुछ लेना-देना है। हालांकि, रतन टाटा के एक करीबी सूत्र ने मेहली की किसी भी भूमिका से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मेहली भले ही टाटा से सायरस की शिकायत करते रहे हों, वह उन्हें प्रभावित नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, 'इसके लिए मेहली को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं होगा। इसके लिए सिर्फ और सिर्फ सायरस जिम्मेदार हैं।'उनके बारे में बहुत कुछ लिखा नहीं गया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि टाटा ग्रुप में जो भी हुआ है, उसमें उनकी भी अहम भूमिका है। 


 

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