टाटा मोटर्स को भरोसा, चालू वित्त वर्ष में घरेलू यात्री वाहन उद्योग 2019-20 के आंकड़े को पार करेगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 May, 2022 03:46 PM

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टाटा मोटर्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू यात्री वाहन उद्योग संख्या के मामले में 2019-20 के आंकड़े को पार कर जाएगा। वित्त वर्ष 2019-20 में यात्री वाहनों की बिक्री 34 लाख इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर रही थी। टाटा मोटर्स के प्रबंध...

नई दिल्लीः टाटा मोटर्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू यात्री वाहन उद्योग संख्या के मामले में 2019-20 के आंकड़े को पार कर जाएगा। वित्त वर्ष 2019-20 में यात्री वाहनों की बिक्री 34 लाख इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर रही थी। टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक-यात्री वाहन एवं इलेक्ट्रिक वाहन शैलेश चंद्रा ने एक विश्लेषक कॉल में कहा कि मांग मजबूत रहने और कोविड-19 से संबंधित अड़चनें कम होने से हम चालू वित्त वर्ष को लेकर आशान्वित हैं। हमें उम्मीद है कि घरेलू वाहन उद्योग इस साल 2019-20 के आंकड़े को पार कर जाएगा। कंपनी को कारोबारी वातावरण बेहतर रहने की उम्मीद है। हालांकि, चिप का संकट बढ़ी हुई मांग को पूरा करने की दृष्टि से चुनौती है। वाहन कंपनी का मानना है कि जिंस कीमतों में उछाल से मौजूदा वित्त वर्ष में उसके मुनाफे पर असर पड़ सकता है। 

चंद्रा ने चालू वित्त वर्ष की संभावनाओं पर कहा, ‘‘हमने विभिन्न एजेंसियों के अनुमान देखे हैं। इन एजेंसियों ने उम्मीद जताई है कि घरेलू यात्री वाहन उद्योग 2019-20 के 34 लाख इकाई के रिकॉर्ड को पार कर जाएगा।'' उन्होंने कहा कि इस उम्मीद की वजह यह है कि बीते वित्त वर्ष की अंतिम दो तिमाहियों में कोविड-19 से जुड़ी दिक्कतों की वजह से उद्योग की मांग प्रभावित हुई थी। चालू वित्त वर्ष में अब स्थिति कहीं बेहतर है। चंद्रा ने कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल प्रकृति की ओर से कोई अड़चन नहीं आएगी और सेमीकंडक्टर की स्थिति भी सुधरेगी। इस आधार पर हम ऊंची बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं।'' 

मौजूदा स्थिति पर उन्होंने कहा कि चिप की आपूर्ति अनिश्चित है। इस वजह से टाटा मोटर्स अपनी पूरी मांग क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक टाटा मोटर्स का सवाल है, कुछ इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे चुनौती हैं लेकिन हम इस स्थिति से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। हम इसके लिए अन्य विकल्प ढूंढ रहे हैं, सेमीकंडक्टर आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं।'' चंद्रा ने बताया कि कंपनी संगठन में लागत ढांचे को कम करने के लिए भी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि ईंधन की बढ़ती लागत की वजह से घरेलू बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी मॉडलों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इन दो पावरट्रेन में उपभोक्ता काफी रुचि दिखा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह पेट्रोल के ऊंचे दाम है।''

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