Edited By Supreet Kaur,Updated: 19 Oct, 2018 11:45 AM
टाटा ग्रुप संकट से जूझ रही जेट एयरवेज पर अपना पूरा नियंत्रण चाहता है। वह चाहता है कि कंपनी से गोयल परिवार निकल जाए, इसलिए उसने जेट एयरवेज पर आंशिक हिस्सेदारी और साझे नियंत्रण के शुरुआती प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
नई दिल्लीः टाटा ग्रुप संकट से जूझ रही जेट एयरवेज पर अपना पूरा नियंत्रण चाहता है। वह चाहता है कि कंपनी से गोयल परिवार निकल जाए, इसलिए उसने जेट एयरवेज पर आंशिक हिस्सेदारी और साझे नियंत्रण के शुरुआती प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
सूत्रों के मुताबिक टाटा ग्रुप ने जेट के प्रतिनिधियों के सामने स्पष्ट कर दिया है कि टाटा ग्रुप पूरी कंपनी का अधिग्रहण करेगा या फिर हवाई जहाज और अन्य जरूरी संपत्तियां खरीदेगा। उसकी ऐसी किसी डील में कोई दिलचस्पी नहीं है जिसमें नरेश गोयल के हाथों में नियंत्रण बरकरार रहे। अभी जेट एयरवेज के मौजूदा प्रमोटर नरेश गोयल और उनकी पत्नी के पास कंपनी की 51 फीसदी हिस्सेदारी है।
खबरों के मुताबिक जेट एयरवेज स्टेक सेल के लिए टाटा ग्रुप के साथ शुरुआती बातचीत कर रही है। जेट के प्रतिनिधियों ने टाटा को 26 फीसदी हिस्सेदारी और वाइस-चेयरमैन समेत कुछ बोर्ड स्तर के पद देने की पेशकश की। लेकिन, टाटा ग्रुप ने इसे खारिज कर दिया। गौरतलब है कि अमेरिका के राज्य टेक्सस की प्राइवेट इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल ने भी जेट एयरवेज के इसी तरह का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। गोयल और उनकी पत्नी अनिता के पास जेट के 51 फीसदी जबकि यूएई के एतिहाद एयरवेज के पास 24 फीसदी शेयर हैं।