घाटे में गई टाटा स्टील, मार्च तिमाही में 1,615 करोड़ रुपए की हानि

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Jun, 2020 10:39 AM

tata steel incurred losses rs 1 615 crore loss in march quarter

निजी क्षेत्र की प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील को कोरोना वायरस महामारी के कारण नरम मांग तथा आपूर्ति में बाधाएं आने से 31 मार्च, 2020 को समाप्त तिमाही में 1,615.35 करोड़ रुपए का एकीकृत घाटा हुआ।

नई दिल्लीः निजी क्षेत्र की प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील को कोरोना वायरस महामारी के कारण नरम मांग तथा आपूर्ति में बाधाएं आने से 31 मार्च, 2020 को समाप्त तिमाही में 1,615.35 करोड़ रुपए का एकीकृत घाटा हुआ। टाटा स्टील ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 2,295.25 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। 

कंपनी ने कहा कि उसने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चितता को लेकर अपने परिचालन को तर्कसंगत बनाने और संभावित व्यवधानों का सामना करने के लिये नकदी बचाने का निर्णय लिया है। कंपनी की एकीकृत आय 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 35,085.86 करोड़ रुपए रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 42,913.73 करोड़ रुपए थी। इस दौरान कंपनी का कुल खर्च 33,272.29 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले यह 38,728.87 करोड़ रुपए था। कंपनी का शेयर सोमवार को 321.25 रुपए पर बंद हुआ । यह पिछले बंद से 0.82 प्रतिशत कम है। 

टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीवी नरेंद्रन ने कहा, "वित्त वर्ष 2019-20 एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था पहली छमाही में नरम पड़ी है और इसके साथ ही वाहन उद्योग जैसे प्रमुख इस्पात खपत क्षेत्रों में मांग में कमी आयी है। हालांकि अर्थव्यवस्था दूसरी छमाही में पटरी पर लौटने लगी थी, लेकिन मार्च अंत में कोरोना वायरस महामारी ने अभूतपूर्व व्यवधान डाला और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ गई।'' उन्होंने आगे कहा कि अनिश्चित माहौल के मद्देनजर, कंपनी ने अपने परिचालन को पुनर्गठित करने और कारोबार को जोखिम से बचाने के साथ ही नकदी के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। 

वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, परिचालन से कंपनी का राजस्व साल भर पहले के 1,57,669 करोड़ रुपए से घटकर 1,39,817 करोड़ रुपए रहा। इस दौरान कर भुगतान के बाद का उसका लाभ भी 9,187 करोड़ रुपए से घटकर 2,337 करोड़ रुपए रहा। टाटा स्टील के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी कौशिक चटर्जी ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चितता को देखते हुए हमने नकदी को संरक्षित रखने का निर्णय लिया है। कंपनी ने व्यय कम करने, कार्यशील पूंजी को प्रबंधित करने और पूंजीगत खर्च घटाने का निर्णय लिया है।'' 

उन्होंने कहा कि कंपनी ने आकस्मिक बफर के निर्माण के लिए वर्ष के दौरान 4,900 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि जुटाई। वर्ष के अंत में कंपनी के पास कुल तरल सम्पत्ति 17,745 करोड़ रुपए थी, जिसमें 11,549 करोड़ रुपए नकद व नकीदी समतुल्य परिसम्पत्तियां शामिल हैं। कंपनी का घरेलू इस्पात उत्पादन वित्त वर्ष 2019-20 में आठ प्रतिशत बढ़कर 182 लाख टन हो गया। इस दौरान टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स ने उषा मार्टिन के स्टील व्यवसाय का अधिग्रहण किया और टाटा स्टील बीएसएल की क्षमता को बढ़ाया गया। मार्च 2020 के अंत में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वर्ष के दौरान इस्पात की आपूर्ति केवल चार प्रतिशत बढ़कर 169.7 लाख टन रही।


 

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