स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत, 25 करोड़ रुपये तक के निवेश को कर से छूट

Edited By Isha,Updated: 19 Feb, 2019 01:46 PM

tax relief to startup companies exemption from tax up to rs 25 crore investment

सरकार ने स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए एंजल कर के नियमों में ढील देने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने स्टार्टअप को आयकर छूट के लिए निवेश सीमा को बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये कर दिया है। अब 25 करोड़ रुपए तक के निवे

 

बिजनेस डेस्कः सरकार ने स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए एंजल कर के नियमों में ढील देने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने स्टार्टअप को आयकर छूट के लिए निवेश सीमा को बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये कर दिया है। अब 25 करोड़ रुपए तक के निवेश पर स्टार्टअप कंपनियों को आय कर से छूट मिलेगी। मौजूदा समय में स्टार्टअप को 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर कर से छूट की इजाजत है। इस निवेश में एंजल निवेशकों द्वारा लगाया गया पैसा भी शामिल है। अधिकारी ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 56(2) (सात-बी) के तहत स्टार्टअप कंपनियों के लिए निवेश पर छूट पाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जल्द अधिसचूना जारी की जाएगी। स्टार्टअप की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है। उन इकाइयों को स्टार्टअप माना जाएगा जो अपने पंजीकरण या स्थापना के बाद 10 साल तक परिचालन कर रही हैं। पहले यह समयसीमा सात साल थी।

अधिकारी ने कहा, किसी भी इकाई को स्टार्टअप तभी माना जाएगा यदि उसका कारोबार पंजीकरण से लेकर अब तक किसी भी वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं हो। मौजूदा समय में यह 25 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, 100 करोड़ रुपये नेटवर्थ या 250 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली सूचीबद्ध कंपनियों के पात्र स्टार्टअप में निवेश को आयकर अधिनियम की धारा 56(2) (सात-बी) से छूट दी जाएगी। प्रवासियों, वैकल्पिक निवेश कोष-श्रेणी-1 द्वारा पात्र स्टार्टअप में 25 करोड़ रुपये की सीमा के ऊपर के निवेश को भी इस धारा तहत छूट मिलेगी। अधिकारी ने कहा, आयकर अधिनियम की धारा की 56(2) (सात-बी) के तहत वे स्टार्टअप छूट पाने के लिए पात्र होंगे जिन्होंने, अचल संपत्ति में निवेश नहीं किया हो। इसके अलावा 10 लाख रुपये से अधिक के वाहन और अन्य इकाइयों को कर्ज और पूंजी समर्थन नहीं दिया हो।

यदि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को मान्यता दी जाती है तो वह स्टार्टअप भी धारा की 56(2) (सात-बी) के तहत छूट के लिए पात्र होगी। वह स्टार्टअप किसी विशेष संपत्ति में निवेश नहीं कर रहा हो। पात्र स्टार्टअप को कर छूट का लाभ लेने के लिए डीपीआईआईटी के समक्ष सिर्फ हस्ताक्षरित स्व-घोषणा करनी होगी। डीपीआईआईटी इन घोषणाओं को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पास भेजेगा।अधिकारी ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) (सात-बी) के तहत पात्र स्टार्टअप में निवेश पर छूट के लिए शेयरों का मूल्यांकन कोई मापदंड नहीं रह जाएगा। यह कदम ऐसे समय उठाए गए हैं जब कई स्टार्टअप कंपनियों ने दावा किया है कि उन्हें एंजेल निवेश पर आयकर विभाग से नोटिस मिले हैं।

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