देश के कई वक्फ बोर्ड ने नहीं चुकाया ऋण, भेजे गए नोटिस

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Feb, 2019 06:56 PM

taxmen send notices to wakf boards for non payment of service tax gst

कर अधिकारियों ने संपत्तियों से मिलने वाले किराए पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं चुकाने पर विभिन्न वक्फ बोर्ड को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। ये नोटिस धार्मिक तथा धर्मार्थ कार्यों में नहीं इस्तेमाल होने वाली संपत्तियों के संबंध में है।

नई दिल्लीः कर अधिकारियों ने संपत्तियों से मिलने वाले किराए पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं चुकाने पर विभिन्न वक्फ बोर्ड को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। ये नोटिस धार्मिक तथा धर्मार्थ कार्यों में नहीं इस्तेमाल होने वाली संपत्तियों के संबंध में है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

देश में 30 वक्फ बोर्डों में से सिर्फ दो केरल राज्य वक्फ बोर्ड और दाऊदी बोहरा वक्फ, मुंबई जीएसटी व्यवस्था के तहत पंजीकृत हैं। एक सूत्र ने बताया, 'विभाग ने पूर्व में लगने वाले सेवा कर का भुगतान करने में चूक के लिए वक्फ बोर्ड को कारण बताओ नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल होने वाली संपत्तियों से मिले किराए पर सेवा कर का भुगतान जरूरी है। यही व्यवस्था जीएसटी में भी है।'

सूत्र ने कहा कि रक्षा और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा अचल संपत्ति है। इससे सरकारी खजाने को सालाना 100 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान है। वक्फ बोर्ड की आय को आयकर से छूट दी गई है लेकिन जीएसटी और पूर्ववर्ती सेवा कर शुल्क के संबंध में यह छूट नहीं है। जीएसटी और सेवा कर के नियमों के मुताबिक, व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए वक्फ बोर्डों द्वारा संपत्तियों को किराए पर देने से होने वाली आय पर कर लगाया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि नियमों के मुताबिक, विशेष धर्मार्थ और धार्मिक उद्देश्यों के लिए किराए पर दिए गए परिसरों से होने वाली आय पर आयकर से छूट है।     

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