दिवाली से पहले चाय के दाम में आएगा उबाल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Sep, 2019 01:29 PM

tea prices will boil before diwali

असम और पश्चिम बंगाल से इस साल आने वाली दूसरी फ्लश और मॉनसून चाय की कीमतें स्थिर रही हैं। देश में चाय की फसल में इनकी बड़ी भागीदारी होती है। इंडस्ट्री का अनुमान है कि दिवाली से पहले चाय की कीमतें बढ़ सकती हैं क्योंकि आमतौर

कोलकाताः असम और पश्चिम बंगाल से इस साल आने वाली दूसरी फ्लश और मॉनसून चाय की कीमतें स्थिर रही हैं। देश में चाय की फसल में इनकी बड़ी भागीदारी होती है। इंडस्ट्री का अनुमान है कि दिवाली से पहले चाय की कीमतें बढ़ सकती हैं क्योंकि आमतौर पर इस समय तक इसकी मांग बढ़ जाती है।

इंडियन टी असोसिएशन के चेयरमैन विवेक गोयनका ने कहा, 'टी इंडस्ट्री के लिए यह ठंडा साल रहा है। असम की सीटीसी और डस्ट चाय के दाम 2018 की तुलना में कम रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सीटीसी और डस्ट चाय पिछले साल के भाव पर ही बिकी हैं।'

चाय का उत्पादन घटा
जुलाई की फसल सालाना आधार पर 8.3 फीसदी बढ़कर 17.607 करोड़ किलो रही। टॉप उत्पादक असम में तुड़ाई में तेजी से इसमें इजाफा हुआ। जुलाई में राज्य का उत्पादन 970.2 लाख किलो रहा था, जबकि पिछले साल इस महीने में 937.1 लाख किलो चाय का उत्पादन हुआ था। गोयनका ने बताया, 'टी बोर्ड से अभी अगस्त की फसल के आंकड़े नहीं आए हैं। हालांकि, ITA के सदस्य इलाकों से मिले उत्पादन के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में चाय का उत्पादन असम में 17.9 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 5.5 फीसदी घटा है। पिछले महीने में चाय की पैदावार में कुल 14.8 फीसदी की गिरावट आई।'

चाय का निर्यात घटा
मार्केट में पहले से चाय का अधिक स्टॉक था। इसलिए अगस्त में ऑर्गनाइज्ड टी सेक्टर के उत्पादन में कमी आने के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई। मार्केट में जो स्टॉक है, उसमें कुछ पिछले साल का पुराना स्टॉक और जुलाई में हुए अधिक उत्पादन की फसल शामिल है। असम की सीटीसी और डस्ट वैरायटी के चाय के भाव जुलाई में पहली सेल के बाद से 2-3 फीसदी गिरे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल की चाय की कीमत पिछले साल के स्तर पर है। असल में जिस तेजी से उत्पादन बढ़ा, उस रफ्तार से घरेलू खपत और निर्यात में बढ़ोतरी नहीं हुई। इससे बाजार में चाय की सप्लाई बढ़ गई। जनवरी से जुलाई के बीच असम और पश्चिम बंगाल से चाय का निर्यात सालाना आधार पर 3.58 फीसदी घटा है।

गोयनका ने कहा, 'उत्पादन लागत बढ़ने, मांग और सप्लाई में असंतुलन से कीमतें स्थिर रहने से इंडस्ट्री की लागत बढ़ गई है।’ उन्होंने बताया, 'देश में चाय के बढ़ते उत्पादन को खपाने के लिए घरेलू खपत का बढ़ना जरूरी है।' इस स्थिति में ऑर्थोडॉक्स टी की बढ़ती कीमतों से कुछ उम्मीद जगी है। ईरान ने जनवरी से जुलाई के बीच 350 लाख किलो ऑर्थोडॉक्स चाय खरीदी थी, जिससे उसके दाम में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। गोयनका ने कहा, 'अधिक ऑर्थोडॉक्स चाय का उत्पादन ही आगे के लिए बेहतर रास्ता है। अभी इस पर 3 रुपए प्रति किलो सब्सिडी मिलती है। हमने ऑर्थोडॉक्स चाय का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार से इस पर 25 रुपए प्रति किलो इंसेंटिव की मांग की है।'
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!