टैलीकॉम कम्पनियों को 33,000 करोड़ का झटका दे सकता है टैलीकॉम डिपार्टमैंट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Sep, 2018 11:08 AM

telecom companies can give a shock of 33 000 crore to telecom companies

टैलीकॉम डिपार्टमैंट ने सभी टैलीकॉम कम्पनियों से लाइसैंस फीस और स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज के तौर पर लगभग 33,000 करोड़ रुपए की डिमांड जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है।

मुम्बई: टैलीकॉम डिपार्टमैंट ने सभी टैलीकॉम कम्पनियों से लाइसैंस फीस और स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज के तौर पर लगभग 33,000 करोड़ रुपए की डिमांड जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है। टैलीकॉम डिपार्टमैंट का कहना है कि सरकार को अपने हित सुरक्षित करने की जरूरत है क्योंकि ‘बड़ी मात्रा में सार्वजनिक रकम दाव पर है।’ टैलीकॉम कम्पनियों ने इस कदम की निंदा की है। उन्हें कोर्ट का आदेश अपने खिलाफ आने पर वित्तीय बोझ बढऩे की आशंका है।

टैलीकॉम डिपार्टमैंट ने एक जैसी 2 याचिकाओं में कहा कि टैलीकॉम कम्पनियों की ओर से उपलब्ध करवाई गई मौजूदा बैंक गारंटी बकाया रकम को देखते हुए पर्याप्त नहीं हैं। टैलीकॉम डिपार्टमैंट ने कोर्ट से सरकार के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निवेदन किया है। इन याचिकाओं में दावा किया गया है कि लाइसैंस फीस और स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज की बकाया रकम की सुरक्षा के लिए टैलीकॉम कम्पनियों से नई बैंक गारंटी की जरूरत है।

इस मामले में टैलीकॉम डिपार्टमैंट के पक्ष में फैसला आने से टैलीकॉम कम्पनियों को सरकार को अधिक भुगतान करना पड़ेगा। इससे पहले से भारी कर्ज और रैवेन्यू व प्रॉफिट में कमी का सामना कर रही इन कम्पनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। 

टैलीकॉम कम्पनियों के वित्तीय बोझ में होगी वृद्धि
टैलीकॉम इंडस्ट्री के एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘अगर कोर्ट और बैंक गारंटी देने का फैसला करते हैं तो इससे टैलीकॉम कम्पनियों के वित्तीय बोझ में वृद्धि होगी।’’ रिलायंस कम्युनिकेशन्स (आरकॉम) की भी इस मामले पर नजर रहेगी क्योंकि टैलीकॉम डिपार्टमैंट के पक्ष में फैसला आने पर उसकी वित्तीय देनदारियां बढ़ेंगी और रिलायंस जियो इन्फोकॉम को स्पैक्ट्रम एसैट्स बेचने की उसकी डील में और देरी होगी।

डिपार्टमैंट ने कड़ा किया रुख
टाटा टैली सर्विसेज लिमिटेड (टी.टी.एस.एल.) के कंज्यूमर मोबिलिटी बिजनैस की भारती एयरटैल को बिक्री के लिए मंजूरी लेने में टी.टी.एस.एल. की देनदारी भी बढ़ सकती है। टैलीकॉम डिपार्टमैंट ने लाइसैंस फीस और स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज को लेकर अपना रुख कड़ा किया है। टैलीकॉम सैक्टर पर 7 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। टैलीकॉम डिपार्टमैंट ने अपनी याचिका में कहा कि पिछले कुछ वर्षों से वह अपनी बकाया रकम की वसूली करने में नाकाम रहा है और इसका कारण फरवरी 2016 का वह आदेश है जिसमें कहा गया था कि टैलीकॉम कम्पनियों को टैलीकॉम डिपार्टमैंट अपनी डिमांड जारी कर सकता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक उनसे बकाया रकम वसूली नहीं जा सकती।

टैलीकॉम कम्पनियां कर रहीं विरोध
टैलीकॉम कम्पनियां लाइसैंस फीस और स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज जैसी सालाना बकाया रकम की वसूली की टैलीकॉम डिपार्टमैंट की कोशिशों का विरोध करती रही हैं। उनका कहना है कि एडजस्टेड ग्रॉस रैवेन्यू (ए.जी.आर.) की परिभाषा का मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण यह रकम नहीं वसूली जा सकती। लाइसैंस फीस और स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज को एक टैलीकॉम कम्पनी के ए.जी.आर. के आधार पर वसूला जाता है। ए.जी.आर. टैलीकॉम कम्पनियों को लाइसैंस्ड सर्विसेज से मिलने वाला रैवेन्यू है। 
 

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