टेलिकॉम कंपनियों को मिली 42000 करोड़ की राहत, स्पेक्ट्रम भुगतान दो साल के लिए टला

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Nov, 2019 09:38 AM

telecom companies get relief of 42000 crores spectrum payment

सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों को को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की मीटिंग में दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम पेमेंट पर दो साल की छूट देने का फैसला किया गया। वित्त वर्ष 2020-21 और

बिजनेस डेस्कः सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों को को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की मीटिंग में दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम पेमेंट पर दो साल की छूट देने का फैसला किया गया। वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 का स्पेक्ट्रम पेमेंट टाले जाने से भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 42,000 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी।

PunjabKesari

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीटिंग में किए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि दूरसंचार कंपनियों को हो रही परेशानी को देखते हुए कैबिनेट ने स्पेक्ट्रम ऑक्शन से जुड़े इंस्टॉलमेंट का भुगतान दो साल टालने का फैसला किया। सीतारमण ने कहा कि डेफर्ड स्पेक्ट्रम पेमेंट को बाकी किस्तों में बराबर बांटा जाएगा और मौजूदा टाइम पीरियड में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियों को डेफर्ड स्पेक्ट्रम पेमेंट्स पर तय ब्याज का भुगतान करना होगा।

PunjabKesari

सुप्रीम कोर्ट ने भी लिया था सरकार का पक्ष
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने AGR विवाद में सरकार का पक्ष लिया था। उसने कहा था कि इसकी गणना में टेलीकॉम कंपनियों के नॉन-कोर रेवेन्यू को भी शामिल किया जाएगा। इससे जुलाई 2019 तक लाइसेंस फीस, पेनाल्टी और इंटरेस्ट के रूप में कंपनियों पर 92,642 करोड़ की देनदारी बढ़ी थी। वहीं, SUC की वजह से अक्टूबर अंत तक कंपनियों पर 55,054 करोड़ का बोझ बढ़ा था।

PunjabKesari

कंपनियों ने की थी ब्याज माफ करने की अपील
एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पेनल्टी और ब्याज माफ करने की अपील की थी और मूल रकम चुकाने के लिए भी अधिक समय की मांग की थी। उनका यह भी कहना था कि शुरू के दो साल तक इसके भुगतान से छूट दी जाए। एयरटेल पर जितनी रकम बकाया है, उसमें जुर्माना और ब्याज की रकम मिलाकर मूल बकाए का 75 प्रतिशत है। AGR के मद में दोनों कंपनियों ने सितंबर तिमाही में प्रोविजनिंग (भुगतान के लिए पैसा अलग रखा) की, जिससे वोडा आइडिया को रिकॉर्ड 51 हजार करोड़ और एयरटेल को 23 हजार करोड़ का रिकॉर्ड घाटा हुआ।

7 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज
दूरसंचार कंपनियों को राहत देने के उपायों पर विचार करने के लिए केंद्र ने कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गाबा की अगुवाई में एक कमिटी बनाई थी। गाबा के अलावा कमेटी में डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स, फाइनैंशल अफेयर्स, रेवेन्यू, कॉरपोरेट अफेयर्स, टेलीकॉम, IT के सेक्रेटरीज और नीति आयोग के सीईओ शामिल थे। टेलिकॉम कंपनियां तीन वर्ष से प्राइस वॉर का सामना कर रही हैं और इन पर सात लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!