Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jan, 2021 05:50 PM
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह पहले फ्रेंकलिन टेम्पलटन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के लिए ई-वोटिंग प्रक्रिया पर आपत्ति तथा यूनिट-धारकों को कोष के वितरण से संबंधित मुद्दों पर सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति एस ए नजीर
नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह पहले फ्रेंकलिन टेम्पलटन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के लिए ई-वोटिंग प्रक्रिया पर आपत्ति तथा यूनिट-धारकों को कोष के वितरण से संबंधित मुद्दों पर सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति एस ए नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की एक पीठ ने मामले को एक फरवरी की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
पीठ ने एक वकील के द्वारा हालिया मीडिया खबरों का हवाला देने तथा कुछ नये तथ्यों के आधार पर एक आवेदन दायर करने के लिए अतिरिक्त समय मांगने के बाद यह निर्णय लिया। पीठ ने वकील को तीन दिनों के भीतर आवेदन दाखिल करने की अनुमति दी और कहा कि इसके बाद तीन दिनों के भीतर उसका जबाव दाखिल किया जा सकेगा। पीठ ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि उक्त तारीख (एक फरवरी) को हम पहले ई-वोटिंग और कोष के वितरण के मामले को देखेंगे।''
शीर्ष अदालत ने इससे पहले 18 जनवरी को सुनवाई करते हुए कहा था कि वह म्यूचुअल फंड की छह योजनाओं को खत्म करने की ई-वोटिंग प्रक्रिया पर मिली आपत्तियों की सुनवाई के बाद फ्रैंकलिन टेंपलटन के यूनिट-धारकों को धन वितरण पर फैसला करेगा। न्यायमूर्ति एसए नजीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं के समापन पर ई-वोटिंग पर आपत्तियां दर्ज करने के लिये तीन दिन का समय दिया था।
फ्रैंकलिन टेंपलटन के वकील ने पीठ से कहा था कि यूनिटधारकों को धन वितरण की अनुमति के लिए एक आदेश पारित किया जाना चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से कहा था कि बाजार नियामक कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के खिलाफ है। शीर्ष अदालत ने सेबी को ई-वोटिंग प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए कहा था। अदालत ने सेबी को कंपनी की अंतिम फोरेंसिक ऑडकट रिपोर्ट बंद लिफाफे में अदालत में पेश करने को भी कहा था।