Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Feb, 2018 04:46 PM
कार्बन उत्र्सजन के कड़े मानकों, बैट्री की कीमतों में गिरावट और उपभोक्ताओं के जागरुक रहने से वर्ष 2020 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों(ईवी) की बिक्री में दहाई अंकों की तेजी रहने की संभावना है। औद्योगिक संगठन एसोचैम -ईवाई के संयुक्त अध्ययन‘ इलेक्ट्रिक...
नई दिल्लीः कार्बन उत्र्सजन के कड़े मानकों, बैट्री की कीमतों में गिरावट और उपभोक्ताओं के जागरुक रहने से वर्ष 2020 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों(ईवी) की बिक्री में दहाई अंकों की तेजी रहने की संभावना है। औद्योगिक संगठन एसोचैम -ईवाई के संयुक्त अध्ययन‘ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इन इंडिया‘के मुताबिक भारत में ईवी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि यहां अभी यह मुख्यधारा में नहीं आया है लेकिन सरकार की कोशिशें और अन्य संकेत इस ओर इशारा करते हैं।
अभी यहां ईवी का बाजार शुुरुआती चरण में है और कुल वाहन बिक्री का एक फीसदी से भी कम हिस्सा इसका है। ईवी वाहनों में अभी दोपहिया वाहनों का दबदबा है, जो कुल ईवी वाहनों की बिक्री का 95 प्रतिशत है। रिपोर्ट में भारत में परिवहन संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए ईवी को क्रांतिकारी माना है लेकिन साथ ही तेज गति से चार्जिग सुविधा बढाने की जरूरत पर बल दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक चार्जिंग संबंधी बुनियादी ढांचे का तेज विकास ही ईवी बाजार की दिशा तय करेगा।