Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jul, 2020 04:54 PM
म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधित परिसंपत्तियां (एयूएम) 30 जून को समाप्त तिमाही में आठ प्रतिशत घटकर 25 लाख करोड़ रुपये रह गईं। मुख्य रूप से इक्विटी और ऋण श्रेणियों से निकासी की वजह से एयूएम में कमी आई है।
नई दिल्लीः म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधित परिसंपत्तियां (एयूएम) 30 जून को समाप्त तिमाही में आठ प्रतिशत घटकर 25 लाख करोड़ रुपये रह गईं। मुख्य रूप से इक्विटी और ऋण श्रेणियों से निकासी की वजह से एयूएम में कमी आई है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार 45 कंपनियों वाले उद्योग का औसत एयूएम (एएयूएम) अप्रैल-जून की तिमाही में आठ प्रतिशत घटकर 24.82 लाख करोड़ रुपए रह गया, जो इससे पिछली तिमाही में 27 लाख करोड़ रुपए था। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में एयूएम 25.5 लाख करोड़ रुपए था।
सैमको सिक्योरिटीज के रैंकएमएफ प्रमुख ओंकेश्वर सिंह ने कहा कि तिमाही दर तिमाही आधार पर उद्योग के एयूएम में आठ प्रतिशत की गिरावट आई। इसकी प्रमुख वजह यह रही है कि म्यूचुअल फंड योजनाओं की ज्यादातर संपत्तियों और श्रेणियों में शुद्ध निवेश का प्रवाह घट गया। उन्होंने कहा कि जून तिमाही में निफ्टी 24 प्रतिशत चढ़ गया, लेकिन इसके बावजूद ऋण और इक्विटी खंड में निकासी दबाव की वजह से म्यूचुअल फंड कंपनियों के एयूएम में कमी आई।
फ्रैंकलिन टेंपलेटन मुद्दे से भी ऋण योजनाओं से निकासी बढ़ी। प्राइमइन्वेस्टर.इन की सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा कि निवेश घटने के अलावा आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता, नौकरियों पर संकट तथा वेतन कटौती की वजह से भी म्यूचअल फंड उद्योग की परिसंपत्तियों में कमी आई। शीर्ष पांचों म्यूचुअल फंड कंपनियों एसबीआई एमएफ, एचडीएफसी एमएफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, आदित्य बिड़ला सनलाइफ एमएफ और निप्पन इंडिया एमएफ सभी के औसत एयूएम में गिरावट आई।