Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jul, 2022 03:08 PM
जून में विनिर्माण और उत्पादन की गतिविधियों में भले ही गिरावट आई है लेकिन सेवा क्षेत्र की गतिविधियों ने जबरदस्त तेजी पकड़ी है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज की पीएमआई एक्टिविटी का सूचकांक जून में बढ़कर 59.2 पहुंच गया, जो मई में 58.9 पर था।
नई दिल्लीः जून में विनिर्माण और उत्पादन की गतिविधियों में भले ही गिरावट आई है लेकिन सेवा क्षेत्र की गतिविधियों ने जबरदस्त तेजी पकड़ी है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज की पीएमआई एक्टिविटी का सूचकांक जून में बढ़कर 59.2 पहुंच गया, जो मई में 58.9 पर था।
सेवा पीएमआई में आई यह तेजी पिछले 11 साल में सबसे अधिक है। इससे पहले अप्रैल, 2011 में सेवा पीएमआई ने इस आंकड़े को छुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा गतिविधियों में यह तेजी कारोबार विस्तार और कंपनियों की मांग बढ़ने से आई है। हालांकि, जून में विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई घटकर 9 महीने के निचले स्तर पर चला गया। विदेशी कंपनियों की ओर से मिले ऑर्डर ने सेवा क्षेत्र को रफ्तार दी है।
अगले 12 महीने भी तेजी का अनुमान
कंपनियों का कहना है कि सुधार की प्रक्रिया अभी जारी रहेगी और अगले 12 महीने तक सेवा क्षेत्र में ऐसे ही तेजी दिख सकती है। हालांकि, कीमतों में लगातार आ रहे उछाल की वजह से कंपनियों के भरोसे में कमी आ सकती है। कंपनियों की इनपुट लागत लगातार बढ़ रही और महंगाई पांच साल के शीर्ष
पर जा चुकी है। लागत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी के कारण मांग और आपूर्ति पर भी असर पड़ने की आशंका है।
9% कंपनियों ने वृद्धि की संभावना बताई
कारोबार के महंगाई सबसे बड़ी चिंता का सबब बन रही है। कंपनियां अपने भविष्य को लेकर संशय में आ रही हैं। सिर्फ 9 फीसदी कंपनियों को ही भविष्य में विस्तार दिख रहा है, जबकि लागत बढ़ने से ज्यादातर कंपनियां अपने उत्पादन में गिरावट की आशंका जता रही हैं। पीएमआई में 50 अंक से ऊपर जाना विस्तार और इससे नीचे जाना गिरावट को दर्शाता है।