इन 6 लोगों की मदद से तैयार हुआ देश का बजट

Edited By vasudha,Updated: 04 Jul, 2019 06:50 PM

the budget prepared with the help of these 6 people

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को पेश होने जा रहा है। देश में पहली बार एक पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। उनके सामने अर्थव्यवस्था को दोबारा गति देने की चुनौती है। अंतरिम बजट 2019 में महिलाओं के...

बिजनसे डेस्क: नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को पेश होने जा रहा है। देश में पहली बार एक पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। उनके सामने अर्थव्यवस्था को दोबारा गति देने की चुनौती है। अंतरिम बजट 2019 में महिलाओं के लिए कुछ ज्यादा घोषणाएं नहीं हुई थीं लेकिन महिला वित्त मंत्री के नाते इस बार महिलाओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं। बजट से लेकर आर्थिक मसलों पर कई दिग्गज अधिकारियों ने  वित्त मंत्री का साथ दिया है। जानिए सीतारमण की इस टीम में कौन कौन है शामिल।

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प्रोफेसर केवी सुब्रमण्यन 
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) प्रोफेसर केवी सुब्रमण्यन ने वीरवार को अपना पहला आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 पेश किया। उन्हे दिसंबर 2018 में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया था। बैंकिंग, कॉर्पोरेट प्रशासन और आर्थिक नीति का एक्सपर्ट माना जाता है। सुब्रमण्यन ने अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट पॉलिसी, प्राइमरी मार्केट, सेकेंडरी मार्केट और रिसर्च पर SEBI की स्थाई समितियों के सदस्य के रूप में काम किया हुआ है। बताया जाता है कि सुब्रमण्यन को रघुराम राजन ने पढ़ाया है। 

अजय भूषण पांडेय
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने ही आधार कार्ड परियोजना को साकार किया था। अब यह देखना होगा कि यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी में कौशल दिखाने के बाद राजस्व के मोर्चे पर वह क्या छाप छोड़ंगे? भूषण महाराष्ट्र कैडर के 1984 बैच के आईएएस (IAS) अधिकारी हैं। वह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के CEO भी हैं। पांडेय IIT-कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग हैं और मिनेसोना यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में PHD है। उनकी प​कड़ GST पर काफी मजबूत मानी जाती है। 

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राजीव कुमार
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार की सार्वजनिक बैंकों के विलय, फंसे कर्जों पर अंकुश लगाने जैसे कामों में अहम भूमिका रही है। उनके कंधे पर बीमा कंपनियों के विलय और सार्वजनिक बैंकों में सुधार की भी जिम्मेदारी है। राजीव कुमार 1984 बैच के झारखंड कैडर के IAS अधिकारी हैं। कुमार बिहार, झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के कई अहम मंत्रालयों व विभागों में कार्यरत रहे हैं। वित्तीय सेवा सचिव बनने से पहले वो व्यय विभाग में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। 

अतानु चक्रवर्ती
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव अतानू चक्रवर्ती ने पिछले साल विनिवेश के टारगेट को समय पर पूरा करने में काफी मदद की। अभी भी सार्वजनिक कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने का एजेंडा उनके सामने है। बजट में उनकी सलाह काफी महत्वपूर्ण मानी जाएगी। अतानु गुजरात काडर के 1985 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह पेट्रोलियम मंत्रालय के हाईड्रोकार्बन विभाग के महानिदेशक भी रहे चुके हैं। 
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जीसी मुर्मू
गुजरात काडर के आईएएस अधिकारी मुर्मू फाइनैंस सर्विस और रिवेन्यू डिपार्टमेंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह PMO और गृह मंत्रालय में सचिव भी रह चुके हैं ।उनके सामने चुनौती यह थी कि प्रधानमंत्री की पसंदीदा योजनाओं को भी पूरी तरह आगे बढ़ाया जाए और खर्चों पर भी अंकुश रहे। मुर्मू को पीएम मोदी का काफी करीबी माना जाता है। वह योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में माहिर हैं। 

सुभाष गर्ग
वित्त सचिव सुभाष गर्ग मंजे हुए खिलाड़ी हैं। अपने सेवाकाल में उन्होंने कई बजट देखे हैं। उन्होंने सुस्त होती अर्थव्यस्था, उपभोग के वस्तुओं की घटती मांग और प्राइवेट इनवेस्टमेंट में कमी जैसी चुनौतियां का भी सामना किया है।  गर्ग राजस्थान कैडर के 1983 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक भी रहे चुके हैं। 
 

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