Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Mar, 2020 10:59 AM
कोरोना वायरस का असर अंतरर्राष्ट्रीय कारोबार पर काफी पड़ा है। अब इसका असर होली पर भी देखा जा रहा है। इसकी वजह से होली में इस्तेमाल होने वाले खिलौने, पिचकारी, रंग, गुलाल और वॉटर गन की कीमतों में 20 फीसदी तक का इजाफा देखा जा रहा है। दरअसल होली में बड़ी...
बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस का असर अंतरर्राष्ट्रीय कारोबार पर काफी पड़ा है। अब इसका असर होली पर भी देखा जा रहा है। इसकी वजह से होली में इस्तेमाल होने वाले खिलौने, पिचकारी, रंग, गुलाल और वॉटर गन की कीमतों में 20 फीसदी तक का इजाफा देखा जा रहा है। दरअसल होली में बड़ी तादाद में चीन खिलौने भारत सप्लाई होते हैं, जिनकी आपूर्ति पर कोरोना वायरस के चलते प्रभावित हो सकती है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक देश में होली से संबंधित 90 फीसदी खिलौने चीन से आयात किए जाते हैं। कोरोनावायरस की महामारी फैलने से काफी पहले नवंबर में बड़े वितरकों ने अग्रिम तौर पर ही अपना ऑर्डर दे दिया था। ऐसे में छोटे कारोबारियों की बिक्री पर ज्यादा असर पड़ेगा।
ऑर्गेनिक रंग की मांग में भी करीब 23% तक की तेजी
दिसंबर से ही छोटे स्तर के कारोबारियों की तरफ से पोर्टल पर होली के सामान की पूछताछ में 127 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है क्योंकि वे स्टॉक खरीदना चाहते थे। ऑर्गेनिक रंग की मांग में भी करीब 23 फीसदी तक की तेजी देखी गई है खासतौर पर मेट्रो शहरों में। कई कारोबारी भारत पहुंच चुके अपने माल के जारी होने का इंतजार कर रहे हैं।
घरेलू खिलौना बाजार करीब 1.5 अरब डॉलर का है
वैश्विक बाजार की शोध कंपनी आईएमएआरसी के मुताबिक घरेलू खिलौना बाजार करीब 1.5 अरब डॉलर का है जो भविष्य में 2024 तक 3.3 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है। इसमें 2019-2024 के दौरान 13.3 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से वृद्धि का अनुमान है। देश में बिकने वाले कुल खिलौने में से मुख्यतौर पर करीब 85 फीसदी चीन से आयात किए जाते हैं। इसके अलावा श्रीलंका, मलेशिया, जर्मनी और हॉन्गकॉन्ग से खिलौने आयात किए जाते हैं।