Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jan, 2021 03:58 PM
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल बजट डॉक्यूमेंट्स (Budget Documents) प्रिंट नहीं किए जाएंगे। यह बजट पूरी तरह पेपरलेस होगा। आजादी के बाद यह पहला मौका होगा जब बजट के पेपर प्रिंट नहीं होंगे। लोकसभा और राज्य सभा सचिवालय
बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल बजट डॉक्यूमेंट्स (Budget Documents) प्रिंट नहीं किए जाएंगे। यह बजट पूरी तरह पेपरलेस होगा। आजादी के बाद यह पहला मौका होगा जब बजट के पेपर प्रिंट नहीं होंगे। लोकसभा और राज्य सभा सचिवालय ने सांसदों से अनुरोध किया है कि वे इस साल बजट डॉक्यूमेंट्स की सॉफ्टकॉपी का ही इस्तेमाल करें। अंग्रेजी अखबार बिज़नेस स्टैंडर्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया कि यह फैसला प्रिंटिंग प्रोसेस के दौरान कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए लिया गया है।
हर साल वित्त मंत्रालय 'हलवा सेरेमनी' का आयोजन करता है। प्रिंटिंग में काम करने वाले कर्मचारियों को हलवा भी बांटा जाता है। इसके बाद ही बजट से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की प्रिंटिंग की जाती है। यह काम नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में किया जाता है। आमतौर पर बजट डॉक्यूमेंट्स के प्रिंटिंग प्रोसेस में करीब 100 कर्मचारी जुटे रहते हैं। पूरे प्रिंंटिंग प्रोसेस में करीब 2 सप्ताह का समय लगता है।
1 फरवरी को पेश होगा बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। संसद का बजट सत्र 29 जनवरी को शुरू होगा और 8 अप्रैल तक चलेगा। यह दो हिस्सों में होगा। पहला चरण जनवरी में शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा जबकि इसका दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक होगा। 16 फरवरी से 7 मार्च तक ब्रेक रहेगा। पिछले साल कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया गया था।