Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jul, 2020 05:52 PM
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि चौथी तिमाही से देश की इकॉनमी पटरी पर लौटना शुरू होगी और अगले वित्त वर्ष में इसकी रफ्तार 6 फीसदी रह सकती है। उन्होंने कहा कि 15-16 सेक्टरों में सुधार के संकेत दिखने
नई दिल्लीः नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि चौथी तिमाही से देश की इकॉनमी पटरी पर लौटना शुरू होगी और अगले वित्त वर्ष में इसकी रफ्तार 6 फीसदी रह सकती है। उन्होंने कहा कि 15-16 सेक्टरों में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं जहां बिजनेस कोविड-19 के पहले के स्तर पर पहुंच चुका है। कुमार ने एक ट्विटर लाइव सेशन में कहा, चौथी तिमाही से इकॉनमी पटरी पर लौटना शुरू करेगी और अगले वित्त वर्ष में यह 6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में कोविड का प्रकोप कम हो जाएगा।
कुमार ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 4.5 फीसदी की वृद्धि के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा दौर बीत रहा था लेकिन कोविड-19 के प्रकोप से इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उस पर उल्लेखनीय नकारात्मक असर रहा। कुमार ने कहा कि मांग बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से हमेशा एक और प्रोत्साहन की गुंजाइश है लेकिन समस्या मांग की है। निवेश की धारणा और मांग को गति देने के लिए सरकार फिर प्रोत्साहन पैकेज पर विचार कर सकती है।
व्यवस्थागत सुधारों की दरकार
कोविड-19 के बाद में दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इकॉनमी को तेजी से उबारने के लिए भारत को जरूरी व्यवस्थागत सुधार करने होंगे। साथ ही कुछ वैश्विक संस्थाओं और रेग्युलेशंस को नए सिरे से डिजाइन करने के लिए बाकी दुनिया से साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं। हालांकि उन्होंने किसी संस्था का नाम नहीं लिया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत को तकनीकी मोर्चे पर भी समन्वय करना होगा क्योंकि कोविड-19 के बाद के तकनीक हलचल का कई देशों पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, इसकी नींव आत्मनिर्भर भारत पर बनेगी जिससे भारतीयों का बाकी दुनिया के साथ एक अलग तरह का जुड़ाव होगा।