Tax Payment में बना नया रिकॉर्ड, देखें हैरान करने वाले आंकड़े

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Nov, 2024 01:05 PM

the country s taxpayers are fulfilling their responsibilities well

देश के टैक्सपेयर्स अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए टैक्स भुगतान में नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा वित्तीय वर्ष के 224 दिनों में हर घंटे औसतन 225 करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया गया है। इस दौरान 7 महीने और 10 दिनों में कुल 12...

बिजनेस डेस्कः देश के टैक्सपेयर्स अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए टैक्स भुगतान में नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा वित्तीय वर्ष के 224 दिनों में हर घंटे औसतन 225 करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया गया है। इस दौरान 7 महीने और 10 दिनों में कुल 12 लाख करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स सरकार के खजाने में जमा किया गया है।

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इस विशाल राशि में से 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक कॉरपोरेट टैक्स और 6.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा नॉन कॉरपोरेट टैक्स शामिल हैं। यह आंकड़ा प्रदर्शित करता है कि देश के नागरिक अपनी आर्थिक जिम्मेदारियों को गंभीरता से ले रहे हैं और सरकार के राजस्व में योगदान देने में सक्रिय हैं। आइए जानते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में टैक्स के रूप में सरकार ने कितनी राशि प्राप्त की है?

टैक्स कलेक्शन में 15% से ज्यादा इजाफा

इस साल एक अप्रैल से 10 नवंबर के बीच शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.41 प्रतिशत बढ़कर 12.11 लाख करोड़ रुपए रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आंकड़ों के अनुसार, इसमें 5.10 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध कॉरपोरेट कर और 6.62 लाख करोड़ रुपए का गैर-कॉरपोरेट कर (व्यक्तियों, एचयूएफ, फर्मों द्वारा भुगतान किए गए करों सहित) शामिल हैं। अन्य करों के मद में 35,923 करोड़ रुपए आए। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से 10 नवंबर के दौरान प्रत्यक्ष कर का सकल संग्रह 21.20 प्रतिशत बढ़कर 15.02 लाख करोड़ रुपए रहा।

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कितना जारी किया रिफंड

इस दौरान 2.92 लाख करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए गए, जो एक साल पहले की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक है। रिफंड के समायोजन के बाद, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (जिसमें कॉरपोरेट, गैर-कॉरपोरेट और अन्य कर शामिल हैं) लगभग 12.11 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 10.49 लाख करोड़ रुपए से 15.41 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों से 22.12 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य तय किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
 

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