Edited By vasudha,Updated: 01 Feb, 2020 03:13 PM
वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में मोबाइल फोन, सेमी कंडक्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण के लिये एक नयी योजना का प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि घरेलू...
बिजनेस डेस्क: वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में मोबाइल फोन, सेमी कंडक्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण के लिये एक नयी योजना का प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने तथा इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में निवेश आकर्षित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन, सेमी कंडक्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण की नयी योजना से भारत वैश्विक विनिर्माण श्रृंखला का हिस्सा बनेगा तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सीतारमण ने कहा कि इस बारे में विस्तृत घोषणाएं शीघ्र की जाएंगी। सीतारमण ने कहा कि इस योजना में समुचित बदलाव कर इसे चिकित्सकीय उपकरणों के विनिर्माण में भी अमल में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक विनिर्माण तंत्र का हिस्सा बनाने के लिए ऐसे उत्पादों का विनिर्माण करने की जरूरत है जो देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाएं। इससे अधिक निवेश आएगा और हमारे युवाओं के लिये रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग बेहद प्रतिस्पर्धी है। भारत ने इस दिशा में लागत में बचत का लाभ साबित किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की असीम संभावनाएं हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा था कि देश ने इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में तेज प्रगति की है और वैश्विक स्तर पर मोबाइन फोन का दूसरा बड़ा विनिर्माण केंद्र बनकर उभरा है। सरकार का लक्ष्य हर जिले को निर्यात का केंद्र बनाने की है। सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य राज्यों के स्तर पर मंजूरियां देने की व्यवस्था बहाल करने का है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को नि:शुल्क निवेश परामर्श देने के लिये सरकार राज्यस्तरीय निवेश मंजूरी सेल बनाने का लक्ष्य बना रही है। उन्होंने कहा कि मत्स्यपालन विस्तार कार्य के लिए ग्रामीण युवाओं को ‘सागर मित्र' बनाया जाएगा। इसके साथ ही 500 मत्स्य किसान संगठन भी गठित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि 2025 तक दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता को दोगुना कर लिया जाएगा।