Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Dec, 2018 11:34 AM
मोदी सरकार के मंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि मौजूदा स्थिति में बैंकों के संकट को और भी बदतर बनाया जा रहा है, जबकि बैंकों की ''निष्कपट गलतियों'' को दूर करने और दुर्भावनापूर्ण गलतियों के लिए सजा देने की जरूरत है।
नई दिल्लीः मोदी सरकार के मंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि मौजूदा स्थिति में बैंकों के संकट को और भी बदतर बनाया जा रहा है, जबकि बैंकों की 'निष्कपट गलतियों' को दूर करने और दुर्भावनापूर्ण गलतियों के लिए सजा देने की जरूरत है।
पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड की ओर से शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि यदि एक बैंक भारी नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (NPA) की वजह से खराब स्थिति में है तो नीति ऐसे प्रतिष्ठानों को पुनर्जीवित करने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'यदि बैंकों की गलतियां निष्कपट हैं तो उन्हें दूर कर बैंकों को पुनर्जीवित किया जाए, लेकिन मौजूदा समय में स्थिति विपरीत है। यदि कोई बैंक संकट में है तो उसे और बदतर करने वाला प्रयास किया जा रहा है।'
गडकरी ने कहा कि यदि बैंकों ने निष्कपट गलतियां की हैं तो उनकी मदद करनी चाहिए लेकिन यदि गलतियां खराब इरादे से की गई हैं तो सजा दी जानी चाहिए।
बैंकों में और पूंजी डालने की घोषणा के बाद आया बयान
उनका यह बयान सरकार की उस घोषणा के एक दिन बाद आया है जिसमें सरकार ने सरकारी बैंकों को और 83,000 करोड़ रुपए देने की बात कही है, यानी वित्त वर्ष में कुल 1.06 लाख करोड़ रुपए की पूंजी बैंकों डाली जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि पूंजी डाले जाने से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और आरबीआई के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।