Edited By ,Updated: 23 May, 2017 06:22 PM
रेलवे अगले साल के प्रारंभ में अपनी तरह का पहला उच्च क्षमता वाला इलैक्ट्रिक इंजन लाएगी जिसका इस्तेमाल मालगाडिय़ों की रफ्तार दोगुनी करने के लिए किया जाएगा।
नई दिल्लीः रेलवे अगले साल के प्रारंभ में अपनी तरह का पहला उच्च क्षमता वाला इलैक्ट्रिक इंजन लाएगी जिसका इस्तेमाल मालगाडिय़ों की रफ्तार दोगुनी करने के लिए किया जाएगा। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सार्वजनिक परिवाहक बिहार के मधेपुरा इंजन कारखाने में फ्रांसीसी कंपनी अलस्टोम के साथ संयुक्त उपक्रम की स्थापना कर वहां अगले 11 साल में 800 एेसे इंजन बनाएगा। पहला एेसा इंजन फ्रांस में अलस्टोम की फैक्ट्रियों में बने उपकरणों को एसेम्बल कर बनाया जाएगा और इस पर करीब 30 करोड़ रुपए की लागत आएगी। उसका पहला प्रायोगिक परीक्षण अगले साल फरवरी में किया जाएगा।
बारह हजार होर्स पावर क्षमता के इस इंजन से मालढुलाई ट्रेनों की गति वर्तमान 20 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी और मालों को शीघ्र उसके गंतव्यों तक पहुंचाया जाएगा। फिलहाल रेलवे मालढुलाई के लिए 6000 होर्सपावर के इंजन का इस्तेमाल कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि रफ्तार बढऩे से रेल नैटवर्क की लाइन क्षमता में भी सुधार आएगा। रेलवे ने नवंबर, 2015 में अलस्टोम को 20000 करोड़ रुपए की इस परियोजना का ठेका दिया था। मधेपुरा की इस परियोजना का एफडीआई अवयव करीब 1200 करोड़ रुपए का है। 5 इंजन 2019 तक इस फैक्ट्री में एसेम्बल किए जाएंगे और बाकी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत बनाए जाएंगे।