Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Sep, 2018 06:41 PM
रुपए की लगातार कमजोरी के बाद कई लग्जरी प्रोडक्ट पर आयात शुल्क बढ़ाने का मामला फंसता हुआ दिख रहा है। सरकार को आशंका है कि इससे डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया
नई दिल्लीः रुपए की लगातार कमजोरी के बाद कई लग्जरी प्रोडक्ट पर आयात शुल्क बढ़ाने का मामला फंसता हुआ दिख रहा है। सरकार को आशंका है कि इससे डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी फ्लैगशिप योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
दरअसल सरकार चालू खाते का घाटा कम करने के लिए कई गैर जरूरी उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी लगाने पर विचार कर रही है। इनमें गोल्ड, एल्यूमिनियम, मोबाइल प्रोडक्ट्स, टेलीकॉम इक्विपमेंट और कोयला शामिल हैं। जानकारों के मुताबिक सरकार के इस फैसले से डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे फ्लैगशिप प्रोग्राम पर असर पड़ सकता है। वहीं इंपोर्ट ड्यूटी लगने से प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं। साथ ही आईटी मंत्रालय इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के प्रस्ताव से सहमति नहीं है।
गौरतलब है कि मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत मोबाइल फोन देश में बनने से सरकार को 3 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है। वहीं सरकार लग्जरी कारों, एलईडी टीवी, विदेशी शराब जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा सकती है। इसके अलावा सरकार कई गैर जरुरी उत्पादों जैसे लग्जरी कारें, एलईडी टीवी, विदेशी शराब, बादाम जैसे उत्पादों पर ड्यूटी बढ़ा सकती है। हालांकि इन उत्पादों का आयात की मात्रा कम होने से कोई ज्यादा असर नहीं पडेगा।