आपकी सेहत से जुड़े मुद्दे पर मोदी की मनमोहन जैसी गलती!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jul, 2018 01:42 PM

the mistake of modi s mentality on the issue related to your health

देश को इस समय गंभीर प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के वाहनों से फैल रहे प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 2011 में नैशनल इलैक्ट्रिकल मोबिलिटी मिशन 2020 की शुरूआत की गई थी। ततकालिन प्रधानमंत्री मनमोहन

जालंधरः देश को इस समय गंभीर प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के वाहनों से फैल रहे प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 2011 में नैशनल इलैक्ट्रिकल मोबिलिटी मिशन 2020 की शुरूआत की गई थी। ततकालिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार द्वारा इसकी शुरूआत की गई थी मगर यह अधिक काम नहीं कर पाई। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। मोदी के 4 वर्ष के कार्यकाल पर प्रदूषण पर अंकुश लगाने पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार कितनी गंभीर है? इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मिशन ने पिछले 7 सालों में 5 बैठकें हुई और नतीजा शुन्य रहा।

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अधिकारियों की अकर्मण्यता और राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव के चलते पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों के धुएं से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इस मिशन में इलैक्ट्रिक वाहन शुरू करने की योजना थी पिछले एक साल के मिशन में शामिल अधिकारियों ने एक भी बैठक नहीं की। इलैक्ट्रिक वाहनों को सड़कों पर उतारने का भी कोई फैसला नहीं लिया गया।

60 से 70 लाख इलैक्ट्रिक वाहन सड़क पर उतारने की थी योजना 
इस योजना का मकसद 2020 तक देश में 60 से 70 लाख इलैक्ट्रिक वाहन सड़कों पर लाने का था और इस योजना पर सरकार ने करीब 14,000 करोड़ रुपए खर्च करने का खाका तैयार किया था लेकिन योजना की कागजी कार्रवाई और ब्राऊशर तैयार किए जाने के बाद यह योजना कागजों पर ही सीमित रह गई और इसे न तो यू.पी.ए.  सरकार ने अपने आखिरी 3 साल में गंभीरता से लिया और न ही मौजूदा मोदी सरकार इस मामले में गंभीर नजर आ रही है।  मोदी सरकार के कार्यकाल में तो इस योजना के तहत महज खानापूर्ति के लिए सिर्फ 2 बैठकें ही हुई हैं। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक यदि यह योजना ठीक तरीके से लागू हो जाए तो देश में 9500 मिलियन लीटर तेल की बचत होगी और इस से करीब 62,000 करोड़ रुपए की बचत का अनुमान है। 

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नीति आयोग की रिपोर्ट भी रद्दी में 
देश में इलैक्ट्रानिक वाहनों के चलन की संभावना और चुनौतियों को लेकर मौजूदा मोदी सरकार ने नीति आयोग को एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा था। नीति आयोग ने पिछले साल मई महीने में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जिसमें 2017 से 2032 तक 3 चरणों में इलैक्ट्रानिक वाहन लागू करने की बात कही गई लेकिन इस रिपोर्ट पर केन्द्रीय कैबिनेट में चर्चा तक नहीं हुई और इस साल फरवरी में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान कर दिया कि देश में इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग से नीति बनाने की जरूरत नहीं है। इलैक्ट्रिकल व्हीकल्स को लेकर बनाई गई इस नीति का नाम इंडिया लीप्स अहैड है और इसमें दावा किया गया है कि नीति के लागू होने के बाद देश में ईंधन की मांग में 64 प्रतिशत की कमी होगी जबकि कार्बन उत्सृजन 37 प्रतिशत कम होगा। 

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2016 में महज 22,000 इलैक्ट्रिक वाहन बाइक 
देश में जागरूकता और आधारभूत ढांचे की कमी के चलते इलैक्ट्रिक वाहनों की बिक्री भी काफी कम है। 2016 में देश में 22,000 इलैक्ट्रिक वाहन बाइक थे जो 2015 के 16000 के मुकाबले 37 प्रतिशत ज्यादा हैं। इनमें से महज 2000 ही चौपहिया वाहन हैं। इस बीच ब्लूमबर्ग की एनर्जी फाइनांस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2030 तक देश में बिकने वाले कुल नए वाहनों में से 7 प्रतिशत वाहन इलैक्ट्रिक वाहन होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में इलैक्ट्रिक कारों की जगह इलैक्ट्रिक बसों की गिनती तेजी से बढ़ेगी। 

2020 तक आ सकती है मारुति की इलैक्ट्रिक कार 
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कम्पनी मारुति जापान की सुजूकी के साथ मिल कर 2020 तक देश में इलैक्ट्रिक कार लांच कर सकती है। कम्पनी का 2030 तक देश में हर साल 15 लाख इलैक्ट्रिक कारण बेचने का लक्ष्य है। कम्पनी को 2030 तक देश में हर साल एक करोड़ कारें बिकने की उम्मीद है, फिलहाल हर साल करीब 33 लाख कारें बिक रही हैं। मारुति के साथ टोयोटा, महिंद्रा और टाटा मोटर्स भी इलैक्ट्रिक कारों को लेकर अपनी तकनीक विकसित करेंगी।

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टेस्ला ने 2017 में रद्द की लांचिंग, अब सी.ई.ओ. अगले साल आएंगे 
दुनिया की जानी-मानी इलैक्ट्रिक कार निर्माता कम्पनी टेस्ला ने 2017 में भारत में अपनी मॉडल थ्री कार लांच करने की योजना तैयार की थी लेकिन इसे बाद में अचानक टाल दिया गया था। इस कार की कीमत 35000 डॉलर के करीब थी लेकिन अब कम्पनी के सी.ई.ओ. एलन मस्क भारत आ सकते हैं। दरअसल उन्हें एक ट्वीट के जरिए पूछा गया था कि वह भारत कब आ रहे हैं जिसके जवाब में उन्होंने अगले साल की शुरूआत में भारत आने  की बात कही है ।

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