Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Sep, 2019 04:53 PM
युवाओं में पुरानी कारों के प्रति बढ़ते लगाव के कारण इसके बाजार में तेजी आ रही है और वर्ष 2023 तक देश में 66 लाख पुरानी कारों के साथ 25 अरब डॉलर का बाजार होने का अनुमान है। क्लासीफाइड एवं पुराने वाहनों के खरीदबेच फ्लेटफॉर्म ओएलएक्स के ऑटो ....
नई दिल्लीः युवाओं में पुरानी कारों के प्रति बढ़ते लगाव के कारण इसके बाजार में तेजी आ रही है और वर्ष 2023 तक देश में 66 लाख पुरानी कारों के साथ 25 अरब डॉलर का बाजार होने का अनुमान है। क्लासीफाइड एवं पुराने वाहनों के खरीदबेच फ्लेटफॉर्म ओएलएक्स के ऑटो नोट अध्ययन के तीसरे संस्करण में यह दावा किया गया है।
वर्तमान में पुरानी कारों के बाजार का आकार नई कारों के बाजार के मुकाबले 1.3 गुणा अधिक है और इसके वर्ष 2023 तक बढ़कर 25 अरब डॉलर होने का अनुमान है। युवाओं विशेषकर 22 से लेकर 37 वर्ष आयु वर्ग के बीच पुरानी कारों को लेकर लगाव बढ़ रहा है। अध्ययन में कहा गया है कि वर्तमान में पुरानी कारों का बाजार 14 अरब डॉलर अनुमानित है और वर्ष 2023 तक इसके बढ़कर 25 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। आने वाले समय में इसका आकार नई कारों के बाजार की तुलना में 1.4 गुणा बढ़ने की संभावना है और वर्ष 2020 तक यह आंकड़ा 50 लाख कारें और वर्ष 2023 तक 66 लाख कारें होने का अनुमान है।
ओएलएक्स और ओएलएक्स कैश माय कार के इस अध्ययन में पूरे देश में 1,500 से अधिक ऐसे लोग शामिल हुए जिन्होंने पिछले एक वर्ष में पुरानी कारों की खरीद बेच की है। डिजिटल तरीके से पुरानी कारों की खरीद बेच की सुविधा उपलब्ध होने की वजह से इस बाजार में तेजी आ रही है। पुरानी कार खरीदने के पीछे सबसे बड़ी सोच ब्रांड और सुरक्षा होती है। युवा पुरानी कार खरीदते हैं और पंसद नहीं आने पर कुछ महीने चलाने के बाद उसे बेच देते हैं।