दिवालिया कानून में और अधिक संशोधन की संभावाना

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 06:20 PM

the possibility of further modification in bankruptcy law

दिवालिया कानून से संबंधित समस्याओं की समीक्षा के लिए गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर कानून में संशोधन किया जा सकता है, जिसमें घर के खरीदारों के अधिकार से संबंधित विषय भी शामिल हो सकते हैं। कॉरपोरेट मामलों के विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात...

नई दिल्लीः दिवालिया कानून से संबंधित समस्याओं की समीक्षा के लिए गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर कानून में संशोधन किया जा सकता है, जिसमें घर के खरीदारों के अधिकार से संबंधित विषय भी शामिल हो सकते हैं। कॉरपोरेट मामलों के विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि ऋणशोधन एवं दिवालिया संहिता (आई.बी.सी.) के तहत सब कुछ समयबद्ध है लेकिन मुद्दा यह है कि कैसे हितधारकों के हितों को संतुलित किया जाए।

आईबीसी के कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं की पहचान और इस पर सुझाव देने के लिए 14 सदस्यीय समिति काम कर रही है। इसके अध्यक्ष भी श्रीनिवास है। आई.बी.सी. दिसंबर 2016 में लागू हुआ था।  श्रीनिवास ने बताया,  ऐसा लग रहा है कि यह कानून वित्तीय ऋणदाताओं के बहुत कम पक्ष में है। यह पर्याप्त रूप से अन्य हितधारकों की आवश्यकताओं या अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रहा है। यह एक गंभीर क्षेत्र है जिसे हम देख रहे हैं। समिति सभी मुद्दों को देख रही है।

श्रीनिवास के मुताबिक प्रतिस्पर्धा, नियामकीय मंजूरी, कर देनदारी और अन्य पहलुओं पर भी विचार किया जाएगा।  उन्होंने कहा,  दिवालियापन कानून से संबंधित समिति की सिफारिशों के आधार पर भविष्य में आई.बी.सी. में बदलाव किया जा सकता है।   उन्होंने कहा, घर खरीदारों के अधिकार क्या हैं? दिवाला पेशेवरों की क्षमता क्या है? ये उन मुद्दों में से हैं जिन्हें देखा जाना चाहिए। 
 

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