Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Oct, 2020 02:21 PM
आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी महानगर संचार निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की एसेट मॉनेटाइजेशन की प्रक्रिया यानी संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
नई दिल्ली: आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी महानगर संचार निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की एसेट मॉनेटाइजेशन की प्रक्रिया यानी संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक एमटीएनएल की संपत्तियों की बिक्री के लिए सरकार ने वैश्विक संपत्ति सलाहकार कंपनियों से नौ नवंबर तक वित्तीय बोलियां आमंत्रित की हैं। ये सलाहकार कंपनियां एमटीएनएल की संपत्तियों की बिक्री का प्रबंधन करेंगी।
अपार्टमेंट और प्लॉटों की बिक्री
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने अपने बयान में कहा की सरकार एमटीएनएल के फ्लैट, अपार्टमेंट और प्लॉटों की बिक्री करेगी और इसके लिए इन्हें पांच कलस्टर में बांटा गया है। दीपम ने साफ किया कि प्रत्येक पांच क्लस्टर के लिए एक-एक संपत्ति सलाहकार की नियुक्ति होगी। ये संपत्तियां क्वार्टर (कर्मचारियों के रहने के मकान) के रूप में हैं और मुंबई में स्थित हैं।
दीपम ने कहा कि चुनी गई सलाहकार कंपनियों को उन्हें आवंटित प्रत्येक संपत्ति के लिए तीन सप्ताह में व्यवहार्यता रिपोर्ट देनी होगी। उन्होंने इन संपत्तियों के सौदे के बारे में परामर्श देना और उसे पूरा करना में मदद करनी होगी। एमटीएनएल ने दीपम को मौद्रिकरण वाली संपत्तियों की सूची सौंपी है। इनमें तीन जमीन के टुकड़े, दो स्टाफ क्वार्टर और एक टेलीफोन एक्सचेंज के साथ स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं।
खस्ताहाल को सुधारने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
बता दें कि केंद्र सरकार ने एमटीएनएल के अलावा बीएसएनएल की खस्ताहाल को सुधारने के लिए सभी मंत्रालयों, सार्वजनिक विभागों में इनकी सेवाओं के उपयोग को अनिवार्य किया है। दूरसंचार विभाग ने सभी मंत्रालयों, विभागों, सीपीएसई और केंद्रीय स्वायत्त संगठनों से कहा है कि वे इंटरनेट, ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और लीज्ड लाइन जरूरतों के लिए बीएसएनएल या एमटीएनएल नेटवर्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। बीएसएनएल को 2019-20 में 15,500 करोड़ रुपये का घाटा जबकि एमटीएनएल का घाटा 3,694 करोड़ रुपये रहा।