Edited By Supreet Kaur,Updated: 05 Sep, 2018 12:50 PM
देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त में संकुचन देखा गया है। जुलाई में 21 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इनमें गिरावट दर्ज की गई है। इसकी अहम वजह नए ऑर्डरों का घटना और लागत मुद्रास्फीति का बढ़ना है। सेवा क्षेत्र की कंपनियों के परचेजिंग...
नई दिल्लीः देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त में संकुचन देखा गया है। जुलाई में 21 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इनमें गिरावट दर्ज की गई है। इसकी अहम वजह नए ऑर्डरों का घटना और लागत मुद्रास्फीति का बढ़ना है। सेवा क्षेत्र की कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले मासिक सर्वेक्षण में यह आंकड़े सामने आए हैं।
निक्की इंडिया पीएमआई इंडेक्स (सेवा क्षेत्र की कारोबारी गतिविधियां) अगस्त में घटकर 51.5 अंक रहा है। जुलाई में यह 54.2 अंक था जो पिछले 21 महीने का उच्च स्तर था। नए ऑर्डर मिलने के मामले में पिछले तीन महीने में अगस्त सबसे कमजोर वृद्धि दर्ज करने वाला महीना रहा। हालांकि पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना कारोबारी गतिविधियों में विस्तार जबकि उससे नीचे रहना गतिविधियों में संकुचन को दिखाता है।
आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्री और इस रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा, ‘‘अगस्त के आंकड़े दिखाते हैं कि देश के सेवाक्षेत्र की वृद्धि जुलाई में देखी गई तेज वृद्धि के मुकाबले घटी है। इसकी वजह मार्च 2017 के बाद से अब तक नए कारोबार में सबसे धीमी वृद्धि होना है। साथ ही नवंबर 2017 के बाद से रोजगार में भी सबसे कम वृद्धि होना है।’’ इसी बीच निक्की इंडिया का एकीकृत पीएमआई उत्पादन इंडेक्स अगस्त में गिरकर 51.9 अंक पर रहा। जबकि जुलाई में यह 21 महीने के उच्च स्तर पर 54.1 अंक पर था। इसकी वजह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों में वृद्धि का कमजोर रहना है।