जून में लगातार चौथे माह सेवा क्षेत्र में गिरावट, बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी जारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jul, 2020 01:27 PM

the services sector index stood at 33 7 in june due

भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जून में लगातार चौथे महीने गिरावट आई है। एक मासिक सर्वे में शुक्रवार को कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से नए ऑर्डर कम हुए हैं और कारोबारी परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

नई दिल्लीः भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जून में लगातार चौथे महीने गिरावट आई है। एक मासिक सर्वे में शुक्रवार को कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से नए ऑर्डर कम हुए हैं और कारोबारी परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जून में आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज का कारोबारी गतिविधियों का सूचकांक 33.7 रहा। यह मई में 12.6 रहा था। इस वृद्धि के बावजूद जून में लगातार चौथे महीने भारतीय सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट आई है। 

मुश्किलों में दिखा सेवा क्षेत्र
आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज के खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के अनुसार, 50 से ऊपर का मतलब विस्तार से और 50 से नीचे का आशय गिरावट से होता है। आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री जोए हायस ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संकट की स्थिति और गंभीर होने से भारत के सेवा क्षेत्र जून में भी गिरावट में रहा। उन्होंने कहा कि इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था नीचे आ रही है। यदि यह संक्रमण काबू में नहीं आता है, तो इसका प्रभाव इस साल की दूसरी छमाही में भी देखने को मिलेगा। 

इस वजह से आई गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में ऐतिहासिक छंटनी के बाद कंपनियों ने जून में भी छंटनी जारी रखी। कंपनियों का कहना है कि काम नहीं होने के कारण उन्होंने छंटनी की है। कुछ कंपनियों का यह भी कहना है कि काम करने के लिए कर्मचारी मिल ही नहीं रहे हैं। मार्च की तुलना में अप्रैल में और अप्रैल की तुलना में मई में भारी गिरावट रही थी। उस लिहाज से मई के मुकाबले जून की गिरावट कम रही।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़कर 6,25,544 हो गए हैं। अब तक इस महामारी से 18,213 लोगों की जान गई है। हायस ने कहा कि कुछ कंपनियों की गतिविधियां स्थिर हुई हैं लेकिन लॉकडाउन में ढील के बाद ऐसा होना स्वाभाविक है। इससे जून का प़ीएमआई आंकड़ा बढ़ा है लेकिन निश्चित रूप से यह उत्साहवर्धक संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि सर्वे में शामिल एक बड़ा हिस्सा अब भी गतिविधियों में गिरावट और ऑर्डर घटने की जानकारी दे रहा है। यह भारत के लिए घरेलू मोर्चे पर एक चुनौतीपूर्ण तस्वीर को दिखता है। 

37% कंपनियों के उत्पादन में आई गिरावट
सर्वे के अनुसार 59 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि जून में उनके उत्पादन में मई की तुलना में कोई बदलाव नहीं आया है। सिर्फ चार प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि उनका उत्पादन बढ़ा है। 37 प्रतिशत कंपनियों के उत्पादन में गिरावट आई है। इस बीच, जून में नए ऑर्डरों में अधिक तेजी से गिरावट आई। कंपनियों ने कहा कि इसकी वजह उपभोग में कमी है। कुछ मामलों में प्रतिकूल माहौल के बीच ग्राहकों ने अपना कारोबार ही बंद कर दिया है। इसके अलावा निर्यात बिक्री में भी बड़ी गिरावट आई है। 

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