Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Sep, 2021 06:18 PM
देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स के सप्ताहांत पर पहली बार 60 हजार अंक के स्तर को पार करने के साथ ही अब यह कायस लगाए जाने लगा है कि यह कुछ ही वर्षों में एक लाख अंक के स्तर को भी पार कर सकता है।
बिजनेस डेस्कः देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स के सप्ताहांत पर पहली बार 60 हजार अंक के स्तर को पार करने के साथ ही अब यह कायस लगाए जाने लगा है कि यह कुछ ही वर्षों में एक लाख अंक के स्तर को भी पार कर सकता है। सेंसेक्स में लगातार पांच सप्ताह की तेजी रही है। सेंसेक्स ने एक वर्ष से भी कम समय में 50 हजार से 60 हजार अंक के स्तर को छुआ है। जिस तरह से घरेलू और वैश्विक निवेशकों का भारत को लेकर रुख बना हुआ उससे यह कायस लगाए जाने लगे हैं कि सेंसेक्स अब एक लाख के स्तर को भी छू सकता है।
विश्लेषकों ने हालांकि संभावना जताते हुए यह भी कहा है कि बाजार अभी जिस ऊंचाई पर है उसमें तीव्र करेक्शन से इंकार नहीं किया जा सकता है। स्वास्तिक इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीना ने कहा, ‘‘अभी हम वर्ष 2003-2007 के दौरान शेयर बाजार में आई तेजी की तरह का रुख देख रहे हैं, जिसके अगले दो तीन वर्षों तक जारी रहने की उम्मीद है। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह का रुख देखा गया है उसके मद्देनजर इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि अल्पकाल में तीव्र करेक्शन देखा जा सकता है।''
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर बाजार में जबरदस्त तेजी का रुख कायम है इसके मद्देनजर सेंसेक्स एक लाख अंक की ओर जा सकता है। निवेशकों को 10 से 20 फीसदी की करेक्शन होने की आशंका के बीच भी निवेश करने की सलाह दी जा रही है क्योंकि यह निवेश के लिए सबसे उपयुुक्त अवसर है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेशियल सर्विसेस लिमिटेड के शोध प्रमुख गौतम दुग्गल ने कहा कि वर्तमान स्थिति में मझौली और छोटी कंपनियों के निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
एचडीएफसी सेक्युरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी धीरज रेल्ली ने कहा कि पिछले 18 महीने में शेयर बाजार में 10 फीसदी का करेक्शन नहीं देखा गया है, जिससे अब स्थानीय निवेशकों की परिपक्वता का पता चलाता है लेकिन अगले कुछ सप्ताह में तीव्र करेक्शन से इंकार नहीं किया जा सकता है।