Edited By vasudha,Updated: 20 Feb, 2020 10:58 AM
ए.टी.एम. कार्ड और क्रैडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय ओ.टी.पी. आपको झंझट लगता है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। रोजाना पेमैंट के मामले में ओ.टी.पी. यानी वन टाइम पासवर्ड के झंझट से अब मुक्ति मिल सकती है। ग्लोबल नैटवर्क प्रोवाइडर ‘वीजा’ टू फैक्टर...
बिजनेस डेस्क: ए.टी.एम. कार्ड और क्रैडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय ओ.टी.पी. आपको झंझट लगता है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। रोजाना पेमैंट के मामले में ओ.टी.पी. यानी वन टाइम पासवर्ड के झंझट से अब मुक्ति मिल सकती है। ग्लोबल नैटवर्क प्रोवाइडर ‘वीजा’ टू फैक्टर ऑथैंटीफिकेशन (2एफ.ए.) हटाने की तैयारी कर रही है। यानी आपके लिए आसानी होगी और रोजाना के लेन-देन समय ओ.टी.पी. का झंझट भी खत्म होगा।
‘वीजा’ ओ.टी.पी. की जगह रिस्क पर आधारित प्रॉम्प्ट प्रोसैस अपनाने पर विचार कर रही है। यानी जहां किसी तरह की संदिग्धता नजर आएगी, वहां ओ.टी.पी. प्रोसैस का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रोसैस के लिए ‘वीजा’ डोमैस्टिक रैगुलेटर्स और बैंकिंग पार्टनर्स के साथ चर्चा करेगी। चर्चा के बाद यह तय किया जाएगा कि 2एफ.ए. नियमों में किस तरह से धीरे-धीरे ढील दी जा सकती है। कम्पनी चाहती है कि इंटरनैशनल नियमों को ध्यान में रखते हुए ट्रांजैक्शन से जुड़े बदलाव किए जाएं। यह जानकारी कम्पनी के एक शीर्ष अधिकारी ने दी है।
ग्राहकों को बढिय़ा अनुभव देने की कोशिश!
कम्पनी ने एशिया-पैसेफिक मार्कीट्स के लिए अपने सिक्योरिटी रोडमैप के तहत इस बारे में चर्चा की। वीजा के एशिया-पैसेफिक के हैड ऑफ रिस्क, जो कङ्क्षनघम ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि 2एफ.ए. जरूरी है लेकिन हमें लगता है कि इसका इस्तेमाल जोखिम आधारित होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमारी इंडस्ट्री की असल ग्रोथ ई-कॉमर्स स्पेस से हो रही है, ऐसे में ग्राहकों को बढिय़ा अनुभव देने के लिए हमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है।’
2एफ.ए. क्या है
ई-कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स पर डैबिट या क्रैडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन में सुरक्षा की 2 परतें होती हैं। इसे टू फैक्टर ऑथैंटीकेशन कहते हैं। पहली लेयर में ग्राहक से कार्ड की डिटेल और सी.वी.वी. आदि लेकर ट्रांजैक्शन को मंजूरी दी जाती है और दूसरी लेयर में ओ.टी.पी. देने के लिए कहा जाता है, जो कस्टमर के मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है। वीजा कम्पनी का मानना है कि सभी ट्रांजैक्शन्स में इसकी जरूरत नहीं है।