Edited By Anil salwan,Updated: 09 Oct, 2018 03:52 PM
आम आदमी तक हवाई सेवा का लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने उड़ान स्कीम लॉन्च की लेकिन यह उम्मीदों के मुताबिक उड़ान नहीं भर पा रही है। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के मुताबिक रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत 27 अप्रैल, 2017 से 23 सितंबर, 2018...
नई दिल्ली (अनिल सलवान): आम आदमी तक हवाई सेवा का लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने उड़ान स्कीम लॉन्च की लेकिन यह उम्मीदों के मुताबिक उड़ान नहीं भर पा रही है। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के मुताबिक रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत 27 अप्रैल, 2017 से 23 सितंबर, 2018 के दौरान 4.5 लाख लोगों ने उड़ान भरी।
स्कीम के तहत प्रति घंटे की उड़ान के लिए 2,500 रुपए का खर्च है। आंकड़ों के मुताबिक उड़ान स्कीम के तहत 17 महीने में 7 एयरलाइन कंपनियों ने 60 रूटों पर 15,723 फ्लाइट्स ऑपरेट की थीं। इन फ्लाइट्स में 7.5 लाख लोगों ने सफर किया, जिनमें से 4.6 लाख लोगों ने किराए में सब्सिडी हासिल की। यह आंकड़ा और बेहतर हो सकता था, लेकिन एयर डक्कन और एयर ओडिशा के कमजोर परफॉर्मेंस के चलते ऐसा नहीं हो सका। बीते साल मार्च में सरकार ने 128 रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत 128 रूट आवंटित किए थे, इनमें से 50 रूटों को एयर ओडिशा और 34 को एयर डक्कन को दिया गया था। हालांकि एएआई के मुताबिक दोनों एयरलाइंस ने करीब 10 रूटों पर बहुत कम उड़ानें संचालित कीं। इनमें नासिक-पुणे, शिलॉन्ग-अगरतला, अहमदाबाद-मुंद्रा और रायपुर-जगदलपुर शामिल हैं।