Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jan, 2021 02:00 PM
गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ऑक्सफैम ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि इस दौरान करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का संकट पैदा हो गया।
बिजनेस डेस्कः गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ऑक्सफैम ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि देश के 84 फीसदी घरों को आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ा। वहीं, अकेले अप्रैल, 2020 में हर घंटे 1.7 लाख लोगों की नौकरी जा रही थी।
ऑक्सफैम की रिपोर्ट 'इनइक्वालिटी वायरस' (The Inequality Virus) में कहा गया कि मार्च 2020 के बाद से भारत के 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12,97,822 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। इतनी राशि का वितरण यदि देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए, तो इनमें से प्रत्येक को 94,045 रुपए दिए जा सकते हैं।''
रिपोर्ट में कहा गया है कि 'भारत में बढ़ती असमानता कड़वी है... महामारी के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने एक घंटे में जितनी संपत्ति बनाई, उतना कमाने में भारत के एक अकुशल कामगार को 10,000 साल लग जाएंगे, वहीं एक सेकेंड में उन्होंने जितना कमाया, उतना कमाने में तीन साल लगेंगे।' पिछले साल अगस्त महीने में मुकेश अंबानी को दुनिया का चौथा सबसे अमीर आदमी घोषित किया गया था।
1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी पिछले 100 वर्षों का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट है और इसके चलते 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट पैदा हुआ। ऑक्सफैम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ बेहर ने कहा, ‘‘इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि अन्यायपूर्ण आर्थिक व्यवस्था से कैसे सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौरान सबसे धनी लोगों ने बहुत अधिक संपत्ति अर्जित की, जबकि करोड़ों लोग बेहद मुश्किल से गुजर-बसर कर रहे हैं।''